(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Politics: पीएम मोदी के हमले पर शरद पवार का पलटवार, बोले- 'मैंने भारतीय कृषि की सूरत बदल दी'
Maharashtra: पीएम मोदी के हमले का जवाब देते हुए पवार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पीएम के बयान जमीनी हकीकत से बहुत दूर हैं और उन्हें इस मुद्दे पर ठीक से जानकारी नहीं दी गई होगी.
Sharad Pawar on PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा बिना नाम लिए यह पूछने के दो दिन बाद कि "उन्होंने किसानों के लिए क्या किया", राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष ने शनिवार को पलटवार करते हुए कहा, "मैंने भारतीय कृषि की सूरत बदल दी." पार्टी नेताओं हेमंत टकले और विद्या चव्हाण के साथ मौजूद शरद पवार (Sharad Pawar) (82) ने कहा कि जब उन्होंने 2004 में केंद्रीय कृषि मंत्री का पद संभाला था, तब देश में खाद्यान्न की कमी थी. शरद पवार ने कहा, "भारत को अमेरिका से गेहूं आयात करना पड़ता था और यह परेशान करने वाला था. मैंने गेहूं आयात फाइल पर दो दिनों तक हस्ताक्षर नहीं किए."
उन्होंने कहा, अगले 10 साल में उनके प्रयासों से देश न केवल खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बन गया, बल्कि एक 'आयात-निर्भर राष्ट्र' से दुनिया के लिए 'निर्यातक' बन गया. पवार ने कहा कि विश्व खाद्य संगठन (डब्ल्यूएफओ) ने भी कृषि क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर ध्यान दिया और 2 नवंबर 2012 को एक पत्र लिखकर चावल और खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार के लिए भारत को बधाई दी. गुरुवार को शिरडी में अपने खिलाफ पीएम मोदी के हमले का जवाब देते हुए पवार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री के बयान जमीनी हकीकत से बहुत दूर हैं और उन्हें इस मुद्दे पर ठीक से जानकारी नहीं दी गई होगी".
शरद पवार ने किया अपने कार्यकाल को याद
केंद्र में अपने कार्यकाल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि तत्काल प्राथमिकता किसानों को उनकी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना था और इसे हासिल करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व मे सरकार ने खाद्यान्नों और दालों के 'गारंटी मूल्य' में काफी बड़ी बढ़ोतरी का निर्णय लिया. बाद में, सिंह ने कहा था कि यदि वह निर्णय ('गारंटी मूल्य' बढ़ाने का) नहीं लिया गया होता, तो "स्थिति और खराब हो सकती थी". तदनुसार, पवार के 10 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान गेहूं, चावल, कपास, सोयाबीन और अन्य फसलों की गारंटीकृत कीमतें लगभग एक दशक में दोगुनी से अधिक हो गईं.
कृषि क्षेत्र की सूरत बदल दी- शरद पवार
शरद पवार ने कहा, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी, व्यापक और दूरगामी योजनाएं शुरू की गईं. इनमें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (2007) और राष्ट्रीय बागवानी मिशन (2005) प्रमुख हैं. उन्होंने कहा, ''अगर हम दोनों योजनाओं की सफलता की समीक्षा करें तो पाएंगे कि उन्होंने देश के कृषि क्षेत्र की सूरत बदल दी.'' इसके तहत, किसानों को उनकी उपज की गारंटीकृत कीमतों में बढ़ोतरी से प्रेरित किया गया. देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हो गया और "भारत चावल उत्पादन में पहला और गेहूं उत्पादन में दुनिया में दूसरा देश बन गया".
उन्होंने कहा कि गन्ना, कपास, जूट, दूध, फल, सब्जियां और मछली में भी देश पहले या दूसरे स्थान पर है. आंकड़ों का हवाला देते हुए पवार ने कहा कि फलों का उत्पादन 4.52 करोड़ टन से दोगुना होकर 8.9 करोड़ टन हो गया, जबकि पत्तेदार सब्जियों का उत्पादन भी 8.83 करोड़ टन से लगभग दोगुना होकर 16.29 करोड़ टन हो गया. पवार ने कहा, "10 वर्षों (2004-2014) के दौरान, कृषि और संबंधित उत्पादों का निर्यात लगभग छह गुना बढ़कर 7.50 अरब डॉलर से 42.84 अरब डॉलर हो गया.