Maharashtra News: चुनाव आयोग के फैसले से शरद पवार को बड़ा झटका लगा हुआ है. एनसीपी के असली 'बॉस' अब अजित पवार हैं. चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा था कि अजित पवार गुट के पास ही पार्टी का सिंबल रहेगा. लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के इस फैसले को शरद पवार के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा गया. इस बीच शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने गुरुवार (15 फरवरी) को कहा कि ‘अदृश्य शक्ति’ पार्टी को छीनने की कोशिश कर रही है.


सुले ने दावा किया, ‘‘शरद पवार एनसीपी के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं, थे और रहेंगे. अदृश्य शक्ति पार्टी को इसके संस्थापक से छीनने का कृत्य कर रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने अदालत का रुख किया है क्योंकि पार्टी और इसके चिह्न को उस व्यक्ति से छीन लिया गया, जिसने उसे स्थापित किया था. ’’ सुले ने कहा कि शरद पवार द्वारा गठित पार्टी का नाम और चिह्न किसी और को आवंटित करना एक नया उदाहरण स्थापित करेगा क्योंकि यह फैसला किसी व्यक्ति से संबद्ध नहीं है बल्कि इतिहास में दर्ज हुआ है. पिछले साल, अजित पवार और आठ विधायकों के एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के बाद जुलाई में पार्टी टूट गई थी.


निर्वाचन आय़ोग के साथ ही विधानसभा स्पीकर ने भी अजित पवार के पक्ष में सुनाया फैसला
सुप्रिया सुले का बयान ऐसे वक्त में आया जब गुरुवार को शरद पवार गुट को एकबार फिर झटका लगा है. दरअसल, विधानसभा स्पीकर ने शरद पवार गुट की ओऱ से दायर याचिका खारिज करते हुए अजित  पवार गुट के सभी विधायकों को योग्य करार दिया है. साथ ही कहा है कि चूंकि अजित पवार के पक्ष में 41 विधायक हैं. विधायकों के बहुमत को देखते हुए नियम के अनुसार अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है. शरद पवार गुट ने अजित पवार के खेमे के विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की अपील की थी. जबकि अजित पवार गुट से भी दो अपील दाखिल की गई थी. 


ये भी पढ़ें- NCP MLAs Disqualification: अजित पवार गुट के विधायक अयोग्य होंगे या नहीं? जानें- स्पीकर ने क्या सुनाया फैसला