Maharashtra: '...तो सीएम शिंदे को दी जाएगी बधाई', NCP चीफ शरद पवार ने क्यों कही यह बात?
Maharashtra Politics: एनसीपी विधायक रोहित पवार के नेतृत्व में य़ुवा संघर्ष यात्रा निकाली जा रही है जो कि पुणे से नागपुर तक की 800 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी. यात्रा को शरद पवार ने हरी झंडी दिखाई.
Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को कहा कि अगर सरकार में शामिल लोग सत्ता बरकरार रखना चाहते हैं तो वे महाराष्ट्र (Maharashtra) में ‘युवा संघर्ष यात्रा’ निकाल रहे युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते. पवार ने पुणे में युवा संघर्ष यात्रा को हरी झंडी दिखाई और कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप इन सभी मांगों को सीएम को सौंपें और यदि आप चाहें तो मैं युवाओं द्वारा की गई इन सभी मांगों को लेकर एक बैठक बुलाने के लिए सीएम से बात करूंगा और मैं व्यक्तिगत रूप से आप लोगों के साथ बैठक में उपस्थित रहूंगा.’’
शरद पवार ने आगे कहा, ''सीएम से इन मांगों पर फैसले की समयसीमा के बारे में पूछा जाएगा और अगर मांगें पूरी हुईं तो सीएम को बधाई दी जाएगी. लेकिन, अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो तय करेंगे कि आगे क्या करना है.’’ उधर, मार्च का नेतृत्व एनसीपी विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार कर रहे हैं. मार्च में शामिल युवा 800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए 13 जिलों की यात्रा करेंगे.
सरकार पर लगाए ये आरोप- पवार
45 दिवसीय ‘युवा संघर्ष यात्रा’ राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में समाप्त होगी. शरद पवार ने कहा, ‘‘यह मार्च राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा, और मुझे यकीन है कि इस युवा संघर्ष यात्रा से परिवर्तन और आपकी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस यात्रा का सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि जिस क्षण आपने इसे (मार्च) शुरू करने का फैसला किया, सरकार ने संविदा भर्ती का निर्णय वापस ले लिया.’’
...तो भारी कीमत चुकानी पड़ेगी- पवार
पवार ने कहा कि जब तक यह यात्रा नागपुर पहुंचती है, सरकार में शामिल लोग अगर सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं, तो वे उन युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते जो इस यात्रा को शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से निकाल रहे हैं. पवार ने कहा कि अगर सरकार (नजरअंदाज करती है) इस तरह का दृष्टिकोण अपनाती है, तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
युवा कर रहे ये मांग
एनसीपी नेता ने कहा कि युवाओं की मांगों में यह भी शामिल है कि शैक्षणिक संस्थान अत्यधिक फीस न वसूलें और बच्चों के माता-पिता से ली गई अतिरिक्त फीस वापस की जाए. अन्य मांगों में परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाना, विभिन्न विभागों में 2,50,000 से अधिक उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करना और छात्रों को दिए गए शिक्षा ऋण पर ब्याज माफ करना शामिल है.
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