Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (I.N.D.I.A) राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बरतेगा कि इसके सहयोगी साझेदारों के बीच कोई विवाद न हो. इन राज्यों में राजस्थान (Rajasthan) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भी शामिल हैं, जहां कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पवार ने बारामती में पत्रकारों से मराठा आरक्षण और प्याज पर निर्यात शुल्क जैसे मुद्दों पर भी बात की.
सहयोगी दलों में भदभेद से इनकार नहीं- पवार
पवार ने पश्चिम बंगाल में स्पष्ट टकराव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वहां निकट भविष्य में अभी कोई चुनाव नहीं है. दरअसल, कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में कुछ सीटों पर दावा जताया है. उन्होंने कहा, ‘‘जब चुनाव नजदीक हों तो ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच मतभेदों से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, हम गठबंधन से निष्पक्ष नेताओं को भेजकर मुद्दों को हल कर लेंगे.’’
साझेदारों में न हो विवाद, बरतेंगे एहतियात- पवार
पवार ने कहा कि कुछ महीनों में चार से पांच राज्यों में चुनाव होने हैं और उनके लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ तय करेगा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में गठबंधन के सहयोगी दल कैसे मिलकर काम करते हैं. मुंबई लौटने के बाद, मैं कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं से बातचीत करूंगा और हम यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियात बरतेंगे कि इन राज्यों में गठबंधन के साझेदारों के बीच कोई विवाद न हो.’’ एनसीपी प्रमुख ने कहा कि यह प्रक्रिया अगले आठ से 10 दिन में शुरू होगी.
मराठा आरक्षण पर यह बोले पवार
इस समय सुर्खियों में आए मराठा आरक्षण के बारे में पूछे जाने पर एसीपी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने खबरों में पढ़ा है कि राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार ने इस मुद्दे का समाधान करने का वादा किया है. पवार ने कहा कि यह देखना होगा कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में क्या निर्णय लेती है. प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा, “यह हमारी मांग रही है कि इस निर्यात शुल्क को वापस लिया जाए. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में बैठक बुलाई है. आशा करते हैं कि उस बैठक से कुछ सकारात्मक निकलेगा, अन्यथा किसानों के बीच की बेचैनी को नियंत्रित नहीं किया जा सकेगा.’’
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