(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: 'महिला समर्थक फैसलों पर होता था विरोध', जानिए NCP चीफ शरद पवार ने ऐसा क्यों कहा?
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कहा कि उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को शामिल करने सहित कई कदम उठाए थे.
Maharashtra Politics: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि सरकार में महिला समर्थक फैसलों के लिए उन्हें कई बार विरोध का सामना करना पड़ता था.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कहा कि उन्हें अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को शामिल करने सहित कई कदम उठाए थे. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण से संबंधित कई फैसलों को लागू करने के दौरान कुछ दलों और प्रशासन के एक धड़े के विरोध का सामना करना पड़ता था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब एक प्रशासक मजबूत होता है, तो नीतियों को वह किसी तरह लागू कर ही लेता है.
दो बार केंद्र में मंत्री रह चुके हैं पवार
गौरतलब है कि शरद पवार दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. 1991-1993 के बीच वह रक्षा मंत्री थे और 2004-14 तक कृषि मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वे चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. पवार ने बताया कि इस दौरान महिला सशक्तिकरण के लिए जब भी उन्होंने कदम उठाया, तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा.
महिलाओं को सेना में दिया कोटा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य शरद पवार ने कहा ने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री के रूप में अमेरिका गए थे, तो अमेरिकी सशस्त्र बलों की सभी महिला टुकड़ियों ने उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया था. लिहाजा, अपनी वापसी पर पवार ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सशस्त्र बलों में महिलाओं को शामिल करने पर चर्चा की, लेकिन इस दौरान प्रस्ताव के विरोध का सामना करना पड़ा.
महिलाओं की नियुक्ति के बाद हादसे हुए कम
ये बाते उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा किया. मैंने एक या दो महीने बाद फिर सशस्त्र बलों में महिलाओं की भर्ती पर उनसे चर्चा की. तब भी उन्हें वही जवाब मिला. पवार ने बताया कि इसके चार-पांच महीने के बाद मैंने सेना प्रमुखों से कहा कि लोगों ने मुझे रक्षा मंत्री के रूप में चुना है और निर्णय लेना मेरा काम है और इसे लागू करना आपका काम है. इसके बाद अगले महीने से महिलाओं को 11 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर दी गई.
महिलाओं की नियुक्ति के बाद हादसे हुए कम
पवार ने कहा कि दो साल बाद उन्होंने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को शामिल करने पर एक रिपोर्ट मांगी. इस रिपोर्ट में यह बात उनके सामने आई कि इस दौरान हवाई दुर्घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने कहा कि महिला पायलटों की सूझबूझ और सावधानी की वजह से हादसे कम हुए थे.
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