Sharad Pawar on Eknath Shinde: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में मिले झटके के बाद महायुति सरकार को नयी योजनाएं शुरू करके ‘भाइयों और बहनों’ के कल्याण के बारे में सोचने को मजबूर होना पड़ा.


क्या कुछ बोले शरद पवार?
पवार ने संवाददाताओं से बातचीत में राज्य पर कर्ज के बोझ का हवाला देते हुए माली हालत पर चिंता जताई. शिवसेना नीत महायुति सरकार ने राज्य में ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ शुरू की है जिसमें पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये महीने की वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया है और ‘लाडका भाऊ’ संभावित नाम वाली योजना के तहत रोजगार प्रशिक्षण और मानदेय देने का विचार है.


पवार ने कहा कि जयंत पाटिल और अजित पवार को कई बार राज्य का बजट पेश करने का अवसर मिला लेकिन बहनों और भाइयों के लिए इस तरह की योजनाएं उनके बजट में कभी नहीं दिखीं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘तारीफ की बात है कि भाइयों और बहनों की भलाई पर ध्यान दिया जा रहा है लेकिन यह जादू लोकसभा चुनाव में मिले वोट का ही है. अगर मतदाता समझदारी से अपना वोट डालें तो बहनों, भाइयों और अन्य सभी को याद किया जाएगा.’’


महाराष्ट्र सरकार का एलान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को युवाओं के लिए नौकरी प्रशिक्षण और मानदेय योजना की घोषणा की, जिसे अस्थायी रूप से ‘लाड़का भाऊ’ योजना नाम दिया गया है. इससे पहले उन्होंने पात्र महिलाओं के लिए मासिक वित्तीय सहायता योजना शुरू की थी. शिंदे ने ‘आषाढ़ी एकादशी’ के अवसर पर सोलापुर जिले के पंढरपुर में नयी योजना की व्यापक विशेषताओं की घोषणा की.


12वीं पास नौकरी चाहने वालों को 6,000 रुपये, डिप्लोमा वालों को 8,000 रुपये और स्नातक की डिग्री वालों को 10,000 रुपये मिलेंगे. उन्हें उद्योग में ‘नौकरी के साथ प्रशिक्षण’ के दौरान सरकार की ओर से यह मानदेय मिलेगा.”


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