Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar:) ने शनिवार को अडानी समूह द्वारा कथित स्टॉक हेरफेर मुद्दे की जांच के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नियुक्त सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित 6 सदस्यीय समिति का पक्ष लेते हुए कहा कि यह कांग्रेस (Cogress) के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा मांग की गई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से अधिक प्रभावी होगी.


पवार ने अपने स्टैंड को सही ठहराते हुए कहा "यह एक सामान्य ज्ञान है कि जेपीसी में सत्ताधारी पार्टी (BJP) के अधिक सदस्य होंगे क्योंकि संसद में इनका भारी बहुमत है. इसलिए, प्रभाव के संदर्भ में, जेपीसी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के खिलाफ संतुलित पैनल नहीं होगा, जिसमें स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं."


क्या बोले शरद पवार
सावरकर से जुड़े विवाद पर उन्होंने कहा कि, इस समय यह कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है. इसके अलावा, स्वर्गीय सावरकर प्रगतिशील विचारों के साथ अधिक विज्ञान-उन्मुख थे. उन्होंने एक मंदिर का निर्माण किया जिसमें उन्होंने रत्नागिरी में एक दलित को पुजारी के रूप में नियुक्त किया. गोहत्या के मुद्दे पर भी सावरकर का वैज्ञानिक रुख था. रामनवमी के अवसर पर महाराष्ट्र के संभाजीनगर (औरंगाबाद) में हुई झड़पों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा " इस मामले पर बहस करना उचित नहीं होगा, और अब प्राथमिकता वहां सामान्य स्थिति करने की होनी चाहिए. 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस तरह की अटकलों का कोई आधार नहीं है."


विपक्षी एकता पर, उन्होंने कहा कि सभी गैर-बीजेपी दलों ने हाल ही में एक बैठक की और अगले आम चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त गठबंधन को गति देने के लिए जल्द ही मिलने की संभावना है. पवार ने कहा कि 2024 के चुनावों की रणनीति बनाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों की सुविधा के अनुसार अगले 10 से 12 दिनों के भीतर एक और बैठक बुलाई जा रही है.


Maharashtra Politics: राजनीति का अखाड़ा बनेगा संभाजीनगर! आज यहां MVA की रैली, BJP निकालेगी ‘सावरकर गौरव यात्रा’