(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra News: नागपुर में शिंदे गुट को घेरने की तैयारी, जनसभा को संबोधित करेंगे शरद पवार, ठाकरे और दिग्विजय सिंह
Yuva Sangharsh Yatra: महाराष्ट्र में ‘युवा संघर्ष यात्रा’ का समापन होने जा रहा है. इस मौके पर नागपुर में एक जनसभा का आयोजन होना है. इस जनसभा को शरद पवार, उद्धव ठाकरे और दिग्विजय सिंह संबोधित करेंगे.
Yuva Sangharsh Yatra in Nagpur: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता दिग्वियज सिंह 12 दिसंबर को एनसीपी की ‘युवा संघर्ष यात्रा’ के समापन के अवसर पर नागपुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. एनसीपी के शरद पवार गुट से ताल्लुक रखने वाले देशमुख ने कहा कि तीनों नेता नागपुर के झिरो माइल इलाके में जनसभा को संबोधित करेंगे.
किसने की थी शुरुआत?
विभिन्न मुद्दों को उठाने के लिए यह यात्रा 24 अक्टूबर को कर्जत-जामखेड सीट से एनसीपी विधायक रोहित पवार के नेतृत्व में पुणे से शुरू हुई थी. विधायक ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि पदयात्रा नागपुर के लगभग 120 किमी करीब पहुंच गई है. राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान 800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद यात्रा का समापन नागपुर में होगा.
उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को नागपुर में जनसभा के दौरान शरद पवार, ठाकरे और दिग्विजय ‘‘मुख्य रूप से’’ मौजूद रहेंगे, वहीं एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस सहित महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा.
83 साल के हो जाएंगे शरद पवार
देशमुख ने कहा कि एनसीपी बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लंबित मुआवजे का मुद्दा उठाएगी और कपास तथा सोयाबीन के लिए उच्चतर ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (एमएसपी) की मांग करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल अपने ज्ञापन के साथ सरकारी अधिकारियों से मिलेगा. देशमुख ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ कई विधायक स्वेच्छा से गठबंधन सरकार में शामिल नहीं हुये थे. उन्होंने दावा किया कि वे जल्द ही शरद पवार गुट में वापस आ जाएंगे. अजित पवार और एनसीपी के आठ वरिष्ठ नेता जुलाई में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना गठबंधन सरकार में शामिल हो गये थे और पार्टी (एनसीपी) दो गुटों में विभाजित हो गई थी.
देशमुख ने यह भी विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव में एमवीए जीत हासिल कर राज्य की सत्ता में वापसी करेगा. पिछले साल शिंदे के नेतृत्व में एनसीपी में हुई बगावत के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी. वहीं, शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया था.