Sharad Pawar on Maharashtra Government: एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को पत्र लिखा था. इस पर देवेंद्र फड़णवीस ने सफाई दी है. देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है कि शैक्षणिक गुणवत्ता के मामले में पंजाब, गुजरात और राजस्थान को छोड़कर महाराष्ट्र सबसे आगे है.
शरद पवार ने पत्र में क्या कहा?
शरद पवार ने अफसोस जताते हुए कहा, “शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 (पीजीआई) रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र राज्य दूसरे स्थान से सीधे सातवें स्थान पर आ गया है. राज्य के समग्र शैक्षणिक विकास की दृष्टि से यह अत्यंत चिंता का विषय है. जिन मानदंडों के आधार पर यह मूल्यांकन किया जाता है. इसमें सीखने के परिणाम और गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे, बदलती शैक्षिक प्रक्रियाओं आदि जैसे मुद्दे शामिल हैं. लेकिन प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 (पीजीआई) रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में इन महत्वपूर्ण कारकों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है."
देवेंद्र फडणवीस ने दिया जवाब
16 जुलाई को मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फड़णवीस ने शरद पवार की चिट्ठी पर टिप्पणी की है. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार मौजूद थे. देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, ''शरद पवार ने दो दिन पहले हमें पत्र लिखकर बताया था कि महाराष्ट्र की शैक्षणिक गुणवत्ता सातवें पायदान पर चली गई है. यह सही नहीं है. सर्वे महाविकास अघाड़ी के दौर का है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किसकी है.”
फडणवीस ने कहा, “इस मूल्यांकन में दस श्रेणियां थीं. पाँच श्रेणियों में कोई राज्य नहीं थे. छठी श्रेणी में चंडीगढ़ और पंजाब हैं. सातवीं श्रेणी में महाराष्ट्र है. शीर्ष पांच श्रेणी में कोई राज्य नहीं होने के कारण, महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है, "देवेंद्र फड़नवीस ने समझाया. देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, “पंजाब, राजस्थान, गुजरात को छोड़कर, महाराष्ट्र आगे है. इसलिए, ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि महाराष्ट्र पीछे चला गया है.”