लोकसभा चुनाव रिजल्ट से पहले शरद पवार ने सीएम एकनाथ शिंदे को लिखी चिट्ठी, क्या है मांग?
Sharad Pawar Wrote Letter to Eknath Shinde: महाराष्ट्र में कल लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. रिजल्ट से पहले शरद पवार ने सीएम एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखी है.
Sharad Pawar Letter: महाराष्ट्र में कल लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. विपक्ष के कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य के कई इलाके में लोग सूखे से परेशान हैं. इस बीच शरद पवार ने सीएम एकनाथ शिंदे को एक पत्र लिखा है. पवार ने सीएम शिंदे से सूखे से निपटने की मांग की है.
शरद पवार ने पत्र में लिखा, "सूखे के कारण राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पानी की कमी से बलिराजा और आम लोगों को परेशानी हो रही है. पशुओं के लिए पानी और चारे की कमी हो गयी है. ऐसे में इस भयावहता की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस भूमिका नहीं निभाई गयी है. यदि राज्य में सूखे की यही स्थिति बनी रही और राज्य सरकार द्वारा तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो निश्चित रूप से महाराष्ट्र की जनता को संघर्ष का रुख करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से आशा है कि शिंदे राज्य में सूखा राहत के संबंध में उचित कार्रवाई करें."
राज्यात दुष्काळामुळे जनजीवन अक्षरशः विस्कळीत झाले आहे. पाण्याच्या टंचाईमुळे बळीराजा आणि सर्वसामान्य त्रस्त झाले आहेत. जनावरांसाठी पाणी आणि चाऱ्याची कमतरता निर्माण झाली आहे. अशा स्थितीत या भीषणतेकडे राज्य सरकारचे लक्ष वेधूनही राज्य सरकारकडून कुठलीही ठोस भूमिका अद्याप घेण्यात आलेली… pic.twitter.com/DqKOikW2qk
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) June 3, 2024
शरद पवार ने पत्र में कहा, "पिछले दस दिनों में सूखे की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है. राज्य में जल स्तर में काफी गिरावट आई है. पूरा मराठवाड़ा क्षेत्र गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है. उपाय किए जाने के बावजूद, कोई राहत नहीं मिलती दिख रही है. ऊपरी महाराष्ट्र और विदर्भ क्षेत्रों में जल स्तर काफी कम हो गया है. इसके अलावा, नंदुरबार, नासिक, जलगांव, सोलापुर, अहमदनगर, यवतमाल, अकोला, बुलढाणा और अन्य जिलों में पानी की गंभीर कमी देखी गई है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. पुणे, कोल्हापुर, सतारा, सांगली और महाराष्ट्र के अन्य जिलों, खासकर इन क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता के मामले में अधिक चिंताजनक स्थिति है."