Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में अहम स्थान रखने वाली शिवसेना (Shivsena) की स्थापना को 57 वर्ष हो गए हैं. इस मौके पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर निशाना साधा गया है. साथ ही सीएम शिंदे और उनके गुट की शिवसेना के विधायकों को 'गद्दार' की संज्ञा दी है.
सामना के संपादकीय में एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए लिखा गया है कि वह सीएम बनने के लिए दिल्ली के चरणों में न्योछावर हो गए. ऐसा करके वह शिवसेना का नाम लेते हैं तो जिन लोगों ने शिवसेना के लिए खून बहाए हैं, वह असंख्य आत्माएं आज चिढ़कर तिलमिला उठती होंगी. संपादकीय के जरिए उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना ने तंज करते हुए कहा कि 'पार्टी के 40 नेताओं ने गद्दारी की और बीजेपी में शामिल हो गए, और फिर "हम ही सच्ची शिवसेना' का ढोल पीटने लगे.'
शिवसेना के गढ़ने-बढ़ने में आपका क्या योगदान?
संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना की स्थापना के वक्त भी इस तरह की अलग शिवसेना स्थापित करने वाले लोग आए थे लेकिन वे आज वे कहें नहीं हैं. सोने के समक्ष लोहा कैसे टिकेगा? चुराए हुए विधायकों, सांसदों की संख्या का मतलब बैठक नहीं होता. वहीं, शिंदे गुट के नेताओं से सवाल पूछा, 'शिवसेना के गढ़ने-बढ़ाने में, बल्कि महाराष्ट्र के गढ़ने-बढ़ाने में आपका योगदान क्या है?'
शिवसेना बाघ की दहाड़- सामना
आगे सामना में कहा गया है, 'शिवसेना बाघ की दहाड़ है. 57 वर्षों से वो गूंज रही है. यू दहाड़ गूंज न सके, इसके लिए आज तक क्या कम प्रयास हुए हैं? गद्दारों को बाघ की खाल पहनाकर नकली बाघ बनाने के प्रयाग महाराष्ट्र में कई बार हुए हैं.न प्रयोग चले, न उसके लेखक-निर्देशक-नेपथ्यकारों के नामो निशान बचे हैं.' शिवसेना ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके द्वारा दिए गए उधार के माल पर गद्दार लोगों की राजनीतिक दुकानदारी शुरू हो गई है.
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