Union Budget 2022: शिवसेना ने बजट को बताया 'निराशाजनक', कहा- आम आदमी को नहीं मिली कोई राहत
Union Budget 2022: शिवसेना ने केंद्रीय बजट को ‘‘बहुत निराशाजनक’’ बताते हुए कहा कि इसमें न तो मध्यम वर्ग को कोई राहत दी गई है. शिव सेना ने इसे शब्दों की बाजीगरी बताया है.
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Union Budget 2022: शिवसेना ने केंद्रीय बजट को ‘‘बहुत निराशाजनक’’ बताते हुए कहा कि इसमें न तो मध्यम वर्ग को कोई राहत दी गई है और न ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को ‘‘पांच हजार अरब (ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर’’ की अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण का कोई संदर्भ है. बजट के बाद, शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि केंद्रीय बजट 2022-23 में केवल ‘पीएम-गति शक्ति’, आत्मनिर्भर भारत जैसे शब्दों की बाजीगरी है, जबकि पुरानी योजनाओं को नए के रूप में प्रस्तुत किया गया है.
राउत ने कहा, ‘‘बजट बहुत निराशाजनक है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान, देश के लोगों ने जीएसटी के रूप में 1.40 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन दुर्भाग्य से, करों के संबंध में जिन योजनाओं को लागू किया जाना था, उन्हें बजट में जगह नहीं मिली.’’ उन्होंने दावा किया कि बजट के जरिये लोगों को गुमराह किया गया है. राउत ने कहा, ‘‘बजट में आयकर के संबंध में मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं दी है. भारत को पांच हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का कोई संदर्भ नहीं है.’’
NCP ने भी बजट को बताया निराशाजनक
इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि केन्द्रीय बजट आम नागरिकों के लिए एक बड़ी निराशा के रूप में है, जो जबरदस्त महंगाई का सामना कर रहे हैं और वे कुछ कर राहत की उम्मीद कर रहे थे. मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस बजट में युवाओं, किसानों या मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है. यह बहुत निराशाजनक है.’’
उन्होंने सूचना और प्रौद्योगिकी पर केंद्र सरकार के बढ़ते ध्यान पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि यह एक प्रौद्योगिकी-उन्मुख बजट है या देश का बजट है, जिसमें अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया जाना चाहिए था.’’ मंत्री ने पूछा, ‘‘2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियों के सृजन का वादा किया था. हालांकि, आज के बजट में 60 लाख नौकरियों का सृजन करने की बात कही गई है. क्या पहले की घोषणा महज एक जुमला थी?”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था और अब वह कहती है कि वह किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी. राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एक ट्वीट में कहा कि यह एक 'चुनावी घोषणापत्र' है, न कि देश का बजट.
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