Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) आज मंगलावर को अपनी सरकार गंवाने के बाद पहली बार विधानसभा आए. उन्होंने विधानसभा के अंदर शिवसेना (Shiv Sena) के कार्यालय में एमवीए की बैठक की अध्यक्षता की, जहां विपक्ष के नेता अजीत पवार, नाना पटोले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, एकनाथ खडसे और विपक्षी दल के विधायक मौजूद थे. वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बावजूद ‘महा विकास आघाड़ी’ (Maha Vikas Aghadi) बरकरार है. शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के गठबंधन से एमवीए बना है.


शिवसेना प्रमुख बोले- हम अब भी साथ 


एमवीए भागीदारों की बैठक के बाद यहां राज्य विधानमंडल परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना वायरस संकट का सफलतापूर्वक प्रबंधन की. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और एमवीए के सामने मौजूदा चुनौती महामारी की तुलना में कुछ भी नहीं है. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ठाकरे ने मंगलवार को पहली बार दक्षिण मुंबई में विधान भवन का दौरा किया. क्या तीनों दल एमवीए की छतरी के तले मुंबई नगर निकाय का चुनाव लड़ेंगे. इसके जवाब में ठाकरे ने कहा, ‘‘हम (एमवीए सहयोगी) लंबे समय के बाद मिले और अच्छा महसूस किया. हम अब भी साथ हैं, हम आपको जल्द ही बताएंगे कि हम क्या करने जा रहे हैं.’’ कांग्रेस स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने को लेकर मुखर रही है.


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पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- न्यायपालिका पर पूरा भरोसा


इसके साथ ही पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने और मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के संबंधित धड़ों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई पर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. 


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