Maharashtra: उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर करारा हमला, कहा- 2019 में ही समझ गया था भाजपा की ये नीति
Maharashtra News: बीजेपी से रिश्ता तोड़ने की बात को याद करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा है कि मैं 2019 में ही सहयोगी दलों को खत्म करने की भाजपा की नीति को वह समझ गया था.
Uddhav Thackeray On BJP: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीजेपी से नाता तोड़ने के फैसले का स्वागत शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने स्वागत किया. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि '2019 में ही सहयोगी दलों को खत्म करने की भाजपा की नीति को वह समझ गए थे, नीतीश कुमार अब समझ गए.' मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे ने शुक्रवार को पूर्व पार्षदों से मुलाकात की. उन्हें संबोधित करते हुए, ठाकरे ने कथित तौर पर कहा, “मैंने 2019 में ही सहयोगियों को खत्म करने की भाजपा की नीति को समझ लिया था और इसलिए, राष्ट्रीय पार्टी के साथ संबंध तोड़ लिया था. 2019 में जो मैंने समझा, वह अब नीतीश कुमार समझ गए हैं.'
ठाकरे ने नगरसेवकों को दी ये सलाह
इस सप्ताह की शुरुआत में, कुमार की जद (यू) ने भाजपा के साथ गठबंधन से बाहर निकलकर बिहार में नई सरकार बनाने के लिए राजद के साथ गठबंधन किया था. शिवसेना नेताओं के अनुसार, ठाकरे ने नगरसेवकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा, हालांकि वे अब नगरसेवक नहीं हैं, और लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को हल करें. एक सूत्र ने कहा, 'उन्होंने उन्हें स्थानीय स्तर के संपर्कों, लोगों के मुद्दों पर जोर देने और जमीनी स्तर पर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की सलाह दी.
ठाकरे ने शिंदे गुट को लेकर कही ये बात
जानकारी के अनुसार, "ठाकरे ने पार्षदों से कहा कि वे याद रखें कि बीएमसी चुनाव के लिए उनकी लड़ाई भाजपा के साथ है, न कि शिंदे खेमे से." उन्होंने शिंदे गुट को महत्व नहीं देने के लिए कहा. ठाकरे ने कथित तौर पर नगरसेवकों से कहा कि जैसा कि उन्होंने भाजपा के खिलाफ 2017 बीएमसी चुनाव जीता था, वे इस बार भी जीतेंगे. ठाकरे ने एक नेता के हवाले से कहा “पिछली बार, शिवसेना और भाजपा ने बीएमसी में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. तब भी शिवसेना जीती थी. इसलिए इस साल होने वाले चुनाव में भी तस्वीर जस की तस रहेगी. हमारी लड़ाई भाजपा के खिलाफ है.” एक नेता के अनुसार “साहेब ने हमसे कहा कि शिंदे खेमे और भाजपा द्वारा नियुक्त एजेंटों द्वारा दिए गए प्रस्तावों के झांसे में न आएं. उन्होंने हमें याद दिलाया कि पिछली बार हम बिना बीजेपी के गठबंधन के जीते थे और इस बार भी हम जीतेंगे."