Shivaji Park Dussehra Rally: बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना का उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट दशहरा रैली शिवाजी पार्क (Shivaji Park) में करेगा. इस बार सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट और उद्धव ठाकरे गुट अलग-अलग दशहरा रैली कर रही है. शिवसेना हर साल वार्षिक दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही करती आई है.


शिवसेना के अंदरूनी टकराव के बाद शिंदे और ठाकरे गुटे में शिवाजी पार्क को लेकर होड़ लग गई थी. ऐसा लगने लगा कि जिसके हिस्से में शिवाजी पार्क आएगा वही असली शिवसेना कहलाएगा. ऐसे में ये जानना बहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर शिवसेना के लिए शिवाजी पार्क अहम क्यों हैं.  


Shiv Sena Dussehra Rally: इतिहास में पहली बार शिवसेना के दो गुट करेंगे शक्ति प्रदर्शन, शिवाजी पार्क में उद्धव तो BKC में एकनाथ शिंदे की होगी दशहरा रैली


क्यों अहम है शिवाजी पार्क ?


मुंबई के बीचों-बीच बसा शिवाजी पार्क महज एक सार्वजनिक मैदान नहीं है. कई साल से यह राजनीति, संस्कृति, खेल और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रमुख स्थल बन गया है. यह वही मैदान है जहां एक युवा सचिन तेंदुलकर ने बाद के वर्षों में मास्टर ब्लास्टर के नाम से क्रिकेट का अभ्यास किया. हर साल नवरात्रि में यहां अच्छी संख्या में लोग जुटते हैं. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार भी इसी मैदान में किया गया था. इस मैदान में कई नामी राजनीतिक चेहरे जमीन पर बने मंचों से लोगों को संबोधित किया है. 


शिवसेना के लिए क्यों अहम है शिवाजी पार्क ? 


-मुंबई के बीचों बीच बसा शिवाजी पार्क महज एक सार्वजनिक मैदान नहीं है.


-कई साल से यह राजनीति, संस्कृति, खेल और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रमुख स्थल है.


-यह वही मैदान है जहां एक युवा सचिन तेंदुलकर ने बाद के वर्षों में मास्टर ब्लास्टर के नाम से क्रिकेट का अभ्यास किया.


-रामलीला के मंचन ने हर नवरात्रि में यहां अच्छी संख्या में लोगों को आकर्षित किया.


-जब बाल ठाकरे और लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार किया गया तो यह मशहूर हस्तियों के लिए श्मशान बन गया.


-इसने कई राजनीतिक रैलियों और कई राष्ट्रीय चेहरों को जमीन पर बने मंचों से बोलते हुए देखा है.


-हालांकि, शिवसेना के लिए शिवाजी पार्क विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और पार्टी इसे 'शिवतीर्थ' तीर्थ स्थान कहती है.


-दशहरा रैली के मंच पर ही बाल ठाकरे ने अपने पोते आदित्य को 2010 में राजनीति से परिचित कराया था.


-उन्हें तलवार भेंट करते हुए ठाकरे ने शिवसैनिकों से आदित्य की देखभाल करने का आग्रह किया.


-बाल ठाकरे के निधन के बाद उनके बेटे उद्धव ने दशहरा रैली की परंपरा को जारी रखा.


-नवंबर 2012 में जब बाल ठाकरे की मृत्यु हुई, तो उनका अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में उसी स्थान पर किया गया, जहां उनकी दशहरा रैली का मंच बनाया जाता था.


-अब उनका स्मारक पश्चिमी हिस्से में शिवाजी पार्क के एक हिस्से पर है.


-पूर्वी तरफ, उनकी दिवंगत पत्नी मीनाताई ठाकरे की एक प्रतिमा स्थापित है, जिन्हें शिव सैनिक मां साहेब कहते हैं.


-2019 में जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए शिवाजी पार्क को स्थान के रूप में चुना.


-जब आपातकाल के बाद जनता पार्टी के असफल प्रयोग से निराश अभिनेता देव आनंद ने अपना राजनीतिक संगठन नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया (NPI) लॉन्च किया, तो उद्घाटन रैली के लिए शिवाजी पार्क को चुना.


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