Maharashtra: कर्नाटक के मंत्री के बयान पर आदित्य ठाकरे बोले- 'महाराष्ट्र का हिस्सा है मुंबई, इसे कोई...'
आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच शांति कायम करने और कानून व्यवस्था बनाये रखने की मांग की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र धैर्य बनाये हुए है. इसके साथ ही उन्होंने शिंदे सरकार पर निशाना साधा.
Maharashtra News: शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने बुधवार को कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र का हिस्सा है और इसे कोई ले नहीं सकता. पत्रकारों ने आदित्य से विधानभवन परिसर में कर्नाटक के मंत्री की टिप्पणी पर सवाल पूछा गया था. कर्नाटक के कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी ने बयान दिया था कि मुंबई की केंद्र शासित प्रदेश बनने की पात्रता है.
फिलहाल महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Maharashtra Legislature) नागपुर में चल रहा है. पूर्व मंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं महसूस करता हूं कि हमें ऐसे मंत्रियों को महत्व नहीं देना चाहिए. मुंबई महाराष्ट्र का हिस्सा है और कोई उसे ले नहीं सकता.’’ उन्होंने आगे कहा कि जरूरी है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच शांति कायम किया जाए और कानून व्यवस्था बनाये रखी जाए. उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र धैर्य बनाये हुए है.’’
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'कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर आक्रामक क्यों हैं सीएम बोम्मई?'
शिवसेना (Shiv Sena) के नेता ठाकरे ने यह भी जानना चाहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर इतना आक्रामक रूख क्यों अपना रहे हैं. उन्होंने सवालिये लहजे में कहा, ‘‘कर्नाटक में विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) नजदीक आ रहे हैं और सत्तारूढ बीजेपी (BJP) को हार नजर आ रही है, लेकिन क्या इन बातों को लेकर दोनों राज्यों के बीच मनमुटाव पैदा करना सही है?’' महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों ने कर्नाटक के 865 मराठी भाषी गांवों को राज्य में शामिल करने की दिशा में ‘कानूनी ढंग से आगे बढ़ने’ को लेकर मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया.
महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर आदित्य ठाकरे ने की टिप्पणी
महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्य के हर नये मंत्री के खिलाफ न केवल (अनियमितताओं के) आरोप हैं, बल्कि सबूत भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस अवैध सरकार में साहस होता तो उसने इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया होता.’’ राज्य के विपक्षी दल वासिम में सार्वजनिक चरागाह के लिए आरक्षित जमीन आवंटित किये जाने को लेकर कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और उन्होंने उद्योग मंत्री उदय सामंत पर कुछ बड़ी परियोजनाओं में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया है.