Shiv Sena Leader On Navneet Rana: महाराष्ट्र में शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल ने मंगलवार (6 अगस्त) को बीजेपी नेता नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र का लेकर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें दिया गया आश्वासन अगले 10-15 दिनों में पूरा नहीं किया गया तो वे अमरावती की पूर्व सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.
शिंदे गुट के नेता आनंदराव अदसुल हाल के लोकसभा चुनावों में नवनीत राणा के लिए अमरावती सीट से चुनाव लड़ने का दावा वापस लेने पर उन्हें राज्यपाल नियुक्त करने के बीजेपी के कथित वादे पर पत्रकारों के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
नवनीत राणा को इस बार लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. राणा कांग्रेस के बलवंत वानखेड़े से लोकसभा चुनाव में हार गईं थी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अडसुल ने 30 अगस्त 2013 को मुंबई डिप्टी कलेक्टर द्वारा जारी किए गए राणा के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ मुंबई जिला जाति प्रमाणपत्र जांच समिति में शिकायत दर्ज की थी.
कमेटी ने राणा के पक्ष में फैसला सुनाया और प्रमाणपत्र को मान्य किया. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 8 जून, 2021 को हाईकोर्ट ने कहा था कि राणा द्वारा फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 'मोची' जाति प्रमाण पत्र धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था और तत्कालीन अमरावती सांसद पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, यह कहते हुए कि रिकॉर्ड इंगित करते हैं कि वह 'सिख-चमार' जाति से थीं.
अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए राणा का जाति प्रमाण पत्र बहाल कर दिया. अडसुल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''अगर वादा पूरा नहीं किया जाता है तो कोई भी नाराज हो जाता है. मैं कुछ दिन और इंतजार करूंगा और अगर मुझे दिया गया आश्वासन अगले 10 से 15 दिनों में पूरा नहीं हुआ, तो मुझे नवनीत राणा की जाति वैधता मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी.''
'अल्टीमेटम' पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमरावती जिले के निर्दलीय विधायक और नवनीत राणा के पति रवि राणा ने कहा कि अडसुल ने अपना दिमाग खो दिया है और उन्हें एक अच्छे डॉक्टर से इलाज की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि अडसुल ने लोकसभा चुनाव में नवनीत राणा के खिलाफ काम किया था.
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