Maharashtra: शिवसेना के नेता विनायक राउत(Vinayak Raut) ने बुधवार को यह दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे(Narayan Rane) पर निशाना साधा कि जब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने उनके विरूद्ध जांच शुरू की तब वह भाजपा (BJP) में शामिल हो गये. शिवसेना (Shiv Sena) के लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने यह भी जानना चाहा कि उन आरोपों का क्या हुआ जो भाजपा नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने राणे के विरूद्ध उनके कांग्रेस पार्टी में रहने के दौरान लगाये थे.
विनायक राउत ने कहा, ‘‘सोमैया ने राणे के विरूद्ध भ्रष्टाचार (Corruption) में लिप्त रहने एवं बिना लेखा जोखा वाली संपत्ति इकट्ठा करने समेत कई गंभीर आरोप लगाये थे. उसके बाद ईडी ने कुछ खोखा कंपनियों की जांच की. राणे डर गये और भाजपा में चल गये. मैं आशा करता हूं कि सोमैया उन सबूतों को फिर ईडी को देंगे जो उनके पास थे और अधिकारी उनके विरूद्ध कार्रवाई करेंगे. हम निश्चित ही इस पर ईडी का जवाब चाहेंगे.’’
राणे ने शिवसेना से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और वह 1995-99 के दौरान महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान एक साल से भी कम समय के लिए मुख्यमंत्री थे.
इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गये और मंत्री बने.
कुछ साल बाद राणे ने कांग्रेस छोड़ दी और महाराष्ट्र स्वाभिमानी पार्टी बनाई.
वर्ष 2018 में उन्होंने इपनी इस पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया.
भाजपा में शामिल होने के बाद वह 2019 में राज्यसभा सदस्य बने. उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्री बनाये गये.
विनायक राउत के इस बयान से एक दिन पहल शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने भी कुछ भाजपा नेताओं एवं व्यापारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप लगाया था.हालांकि राणे ने बुधवार को कहा कि संजय राउत बिना किसी दस्तावेजी सबूत के भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.
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