इस केंद्रीय मंत्री की तीन पीढ़ियों ने कभी नहीं भरा बिजली का बिल? खुद किया खुलासा
Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता प्रतापराव जाधव ने कहा, "न तो मेरे दादा और मेरे पिता और न ही मैंने कभी कृषि बिजली बिल का भुगतान किया."
Maharashtra Latest News: केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता प्रतापराव जाधव (Prataprao Jadhav) ने शनिवार (21 सितंबर) को दावा किया कि वह और उनकी तीन पीढ़ियों ने कभी भी कृषि बिजली बिल का भुगतान नहीं किया. आयुष और स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि मैं एक किसान हूं. हमने पिछली तीन पीढ़ियों से बिल का भुगतान नहीं किया है.
बुलढाणा जिले के मलकापुर में प्रतापराव जाधव ने कृषि बिजली बिल माफी योजना पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "मेरे दादा के पानी के पंप अब भी वहीं हैं. न तो मेरे दादा और मेरे पिता और न ही मैंने कृषि बिजली बिल का भुगतान किया." बता दें, यह योजना एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहलों में से एक है.
क्या बोले प्रतापराव जाधव?
उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि "जैसे जब दो समान विचारधारा वाले बैल खेत में शामिल हो जाते हैं, तो खेत बेहतर हो जाता है, वैसे ही सरकार भी है. विकास तब होता है जब केंद्र और राज्य सरकार एक जैसी सोच रखती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर सांसद, हर विभाग पर पैनी नजर है. इसके बावजूद हमारा मंत्री बनने के बाद आम आदमी से संपर्क कम होता जा रहा है."
प्रतापराव जाधव ने माना कि "पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया 400 पार का नारा लोकप्रिय हो गया था. लेकिन हमारे कार्यकर्ता 400 पार के नारे से बेखबर रहे. हालांकि, एक बार फिर हमारे देश को एक अनुशासित प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला है." उन्होंने विश्वास जताया कि 2029 के बाद लोकसभा में 33 फीसदी महिलाएं हमारे साथ होंगी.
राज्य में 46 लाख से ज्यादा कृषि पंप
जानकारी के अनुसार, राज्य में फिलहाल 46 लाख से ज्यादा कृषि पंप हैं और सरकार 7.5 एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली देगी. अजित पवार ने बजट में घोषणा करते हुए कहा था कि इस फैसले से 44 लाख छह हजार किसानों को फायदा होगा. वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं को करीब डेढ़ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल दिया जाता है.
ऐसे में सालाना करीब छह हजार करोड़ रुपये के बिल भेजे जाते हैं. जिसमें से सिर्फ पांच फीसदी यानी 280-300 करोड़ रुपये तक का बिल आता है. कुछ समय पहले यह 8-10 फीसदी तक पहुंच गया था. इसलिए वर्तमान में कृषि पंपों के 95 प्रतिशत बिलों की वसूली नहीं की जा रही है और बिजली फ्री दी जा रही है.