Maharashtra News: ऐसे में जब महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला देने वाले हैं, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि संख्या बल उनके नेतृत्व वाली शिवसेना के पक्ष में है. शिंदे ने कहा कि यहां तक कि निर्वाचन आयोग ने भी माना है कि शिवसेना के अधिकांश विधायक उनके गुट के साथ हैं. सीएम ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में संख्याएं महत्वपूर्ण होती हैं. हमारे पास विधानसभा और लोकसभा में बहुमत है. निर्वाचन आयोग ने हमारी पार्टी को आधिकारिक नाम और चिह्न आवंटित किया है. मुझे विश्वास है और मुझे उम्मीद है कि निर्णय योग्यता के आधार पर होगा.’’


जून 2022 में, शिंदे और कई अन्य शिवसेना विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिससे शिवसेना में विभाजन हो गया और महा विकास आघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई. इसके बाद ठाकरे और शिंदे गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ याचिका दायर कीं और दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने की मांग की. अविभाजित शिवसेना के 56 विधायकों में से 40 शिंदे के साथ हैं.


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इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष का फैसला कुछ भी हो, उसका शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और सरकार स्थिर रहेगी. भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार कानूनी रूप से वैध है और उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला विधायकों को  न्याय प्रदान करेगा. महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर बुधवार को मुख्यमंत्री शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएंगे, जिनकी बगावत के कारण जून 2022 में शिवसेना में विभाजन हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2023 तय की थी,  लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने अवधि को 10 दिन बढ़ाकर फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी की नयी तारीख तय की.