Shiv Sena MLAs Disqualification Verdict: शिवसेना-यूबीटी की नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से संबंधित मसले पर विधानसभा स्पीकर के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ. प्रियंका ने कहा, ''मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं जिस दिशा में स्पीकर का फैसला जा रहा है. हमने बचपन में सुना था 'वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा' होता है'. देश की जनता हैं तो कहा जाता है कि वही होता है जो मंजूर-ए-संविधान होता है. लेकिन 2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है 'वही होता है जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी और अमित शाह होता है'. यही हम महाराष्ट्र में होते हुए देख रहे हैं.''
स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ''मेरा एक मूल सवाल है कि अगर 2018 का संशोधित पार्टी संविधान अगर चुनाव आयोग के पास नहीं था और स्पीकर के पास नहीं था. उस आधार पर चुनाव आयोग से जो भी संवाद होता था, तो वह हमारे लीडर उद्धव ठाकरे के पास क्यों जाता था? अगर आपके पास रिकॉर्ड नहीं था जो ये सारे जो एबी फॉर्म हैं जिसपर ये 40 गद्दार लोग(विधायक) लड़े हैं. उनपर पार्टी प्रमुख ने साइन किए थे, वे कैसे मान्य हो गए.''
जनता सब देख रही है- प्रियंका चतुर्वेदी
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा, ''मैं ये भी मान लूं कि आपकी संशोधित संविधान में सहमति नहीं थी. तो किसने चुनाव आयोग जाने से आपके हाथ रोके थे. आपको 2022 में याद आता है कि आपका संविधान क्या है. यह मौकापरस्ती है. जिस चीज़ को सुप्रीम कोर्ट ने 'अवैध' और 'असंवैधानिक' कहा था, उसे वैध करने का काम हो रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आपके पास रिकॉर्ड नहीं था तो आपने एबी फॉर्म को मान्यता कैसे दी. अगर इंट्रा पार्टी डेमोक्रेसी नहीं थी, तो उन गद्दारों ने चुनाव आयोग में शिकायत क्यों नहीं की. कुछ बुनियादी सवाल आते हैं. जनता देख रही है कि किस तरह एक पार्टी को तोड़ा गया है.''