Eknath Shinde: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शनिवार को अयोध्या के दौरे पर थे. इस मौके पर उन्होंने भगवान श्रीराम के दर्शन किए और राम मंदिर निर्माण का निरीक्षण किया. हालांकि उनके दौरे के दौरान मंत्री अब्दुल सत्तार समेत कुछ विधायक अनुपस्थित रहने के बाद से शिंदे गुट के विधायकों में नाराजगी की चर्चा है. इस बीच नाराजगी की चर्चाओं को लेकर खुद मंत्री अब्दुल सत्तार ने सफाई दी है.


अब्दुल सत्तार ने दी सफाई
अब्दुल सत्तार ने अकोला जिले में बेमौसम बारिश से हुई फसल क्षति का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने अयोध्या दौरे पर नहीं जाने का सही कारण बताया. “अगर मैं परेशान होता, तो मैं यहां नहीं आता. किसानों के बांध पर जाना अयोध्या जाने जैसा है. मेरी राम में आस्था है. मैं भी राम का भक्त हूं. हालांकि, राज्य में बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इसलिए मैंने अयोध्या का दौरा छोड़कर फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेना शुरू कर दिया है.


सीएम सिंदे के अयोध्या दौरे को लेकर कही ये बात
उन्होंने आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री के अयोध्या दौरे की आलोचना का भी जवाब दिया. देवदर्शन जाना गलत नहीं है. राम के दर्शन करने गए श्रद्धालुओं पर इस तरह की राजनीतिक आलोचना करना भी उचित नहीं है. मैं किसानों के बांध का निरीक्षण करने आया हूं. मैंने सरकार की ओर से उनकी बात सुनी. मुझे मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था. अगर मुख्यमंत्री को किसानों के नुकसान के बारे में पता नहीं होता, तो उन्होंने मुझे रात 12 बजे फोन करके इस तरह के निर्देश नहीं दिए होते”, उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए ये बातें कहीं.


मंत्री ने सोशल मीडिया पर कही ये बात
उन्होंने कहा, असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण विदर्भ के अकोला और बुलडाणा जिले का दौरा किया. खेत के बांध का दौरा किया प्रभावित किसानों से संवाद कर उन्हें धैर्य प्रदान किया. अधिकारियों को हुई क्षति के लिए वस्तुगत पंचनाम करने के निर्देश दिए गए. अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि पंचनामा से प्रभावित कोई किसान वंचित न रहे.


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