Maharashtra Shiv Sena MLA Crisis: शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता के मामले में शिंदे गुट ने फिर से बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने तत्काल सुनवाई की मांग की है. भरत गोगावले ने याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया गया था. इस मामले की सुनवाई 6 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है.


महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनाया था फैसला
ABP माझा के अनुसार,  शिवसेना के विभाजन के बाद, शिंदे और ठाकरे गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिकाएं दायर की थीं. सितंबर से दिसंबर 2023 तक चली सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 10 जनवरी को फैसला सुनाया था जिसमें शिंदे गुट के विधायकों को राहत दी गई थी और ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया गया था.


भरत गोगावले ने अब इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है और सुनवाई को विधायक कार्यकाल समाप्त होने से पहले कराने की मांग की है.


शिवसेना (UBT) गुट के वकील ने दी ये दलील
उद्धव ठाकरे गुट के वकील विनय कुमार खाटू ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के खिलाफ आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि सात महीने बाद अचानक तत्काल सुनवाई की आवश्यकता क्यों है. जस्टिस अतुल चांदुरकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई 6 अगस्त को निर्धारित की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला मनमाना, अवैध और असंवैधानिक है, और उन्होंने प्रस्तुत सबूतों पर विचार नहीं किया. याचिका में यह भी कहा गया है कि ठाकरे गुट के विधायकों ने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ी थी, जिसे स्पीकर ने ध्यान में नहीं रखा.


बता दें, कुछ महीने पहले महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था.


ये भी पढ़ें: MVA और NDA की टेंशन बढ़ाने वाले हैं मनोज जरांगे, महाराष्ट्र के चुनावी रण में आजमाएंगे किस्मत?