Rahul Narwekar on Shiv Sena MLAs: प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पहली बार उपस्थित होते हुए, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों के विधायकों ने गुरुवार को स्पीकर राहुल नार्वेकर के समक्ष लिखित दलीलें दीं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई सुनवाई में उद्धव ठाकरे खेमे की ओर से आरोप लगाए गए कि स्पीकर जानबूझकर प्रक्रिया को लम्बा खींच रहे हैं.


सभी विधायक रहे मौजूद
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे खेमे के 40 विधायक और ठाकरे से जुड़े 14 विधायक अपने वकीलों के साथ राज्य विधानमंडल के केंद्रीय कक्ष में एकत्र हुए. वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत और असीम सरोदे ठाकरे गुट की ओर से और वरिष्ठ वकील अनिल सखारे और अनिल सिंह शिंदे गुट की ओर से पेश हुए. इस बीच सीएम शिंदे मौजूद नहीं थे.


कब होगी अगली सुनवाई?
शिंदे गुट के इस आवेदन पर कि सेना (यूबीटी) के सचेतक सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिकाओं की प्रतियां उन्हें उपलब्ध कराई जाएं, स्पीकर ने कहा कि अगली सुनवाई दोनों पक्षों द्वारा दस्तावेजों के आदान-प्रदान के बाद हो सकती है. नार्वेकर ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को तारीख की सूचना दी जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि अगली तारीख दो सप्ताह बाद हो सकती है क्योंकि दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए यही समय निर्धारित है. नार्वेकर ने कहा, "सभी कार्रवाई नियमों पर आधारित होगी. केवल उचित कार्रवाई की जाएगी. सभी 34 याचिकाओं पर सुनवाई की गई. मैं अर्ध-न्यायिक क्षमता में ये सुनवाई कर रहा हूं, सभी संवैधानिक प्रावधानों का पालन किया जाएगा."


दस्तावेज को लेकर क्या बात कही गई
सरोदे ने आरोप लगाते हुए कहा कि, "सभी दस्तावेज जमा करने के बाद भी, कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें दस्तावेज नहीं मिले. इसलिए कुछ सप्ताह का समय दिया गया है, लेकिन यह देरी करने की रणनीति के अलावा कुछ नहीं है. सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होनी है. अब स्पीकर को सिर्फ फैसला लेना है. शिवसेना (यूबीटी) विधायक रवींद्र वायकर ने यह भी आरोप लगाया कि शिंदे गुट ने सुनवाई में देरी के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था.


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