Shiv Sena MLAs Row: शिवसेना के वो 16 विधायक कौन हैं? जिनकी सदस्यता रहेगी बरकार, पढ़ें लिस्ट
Shiv Sena MLAs Disqualification Verdict News: एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बड़ी राहत दी. इन विधायकों की सदस्यता को बरकरार रखने का फैसला दिया.
Shiv Sena MLAs Disqualification Verdict: एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को बुधवार (10 जनवरी) को बड़ी राहत मिली. महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट की मांग को खारिज करते हुए शिंदे गुट के विधायकों के पक्ष में फैसला दिया और उन्हें अयोग्य नहीं करार दिया. इस फैसले को उद्धव ठाकरे के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. शिंदे गुट में जहां जश्न का माहौल है वहीं विपक्षी दलों ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई. खुद उद्धव ठाकरे ने स्पीरक के फैसलो को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया. उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा.
शिवसेना के इन विधायकों को मिली राहत?
- एकनाथ शिंदे - मुख्यमंत्री
- संदिपानराव भुमरे - रोजगार मंत्री
- डॉ. तानाजी सावंत - स्वास्थ्य मंत्री
- अब्दुल सत्तार - अल्पसंख्यक विकास मंत्री
- भरत गोगावले (महाड)
- संजय शिरसाट – (औरंगाबाद पश्चिम)
- यामिनी जाधव – (भायखला)
- अनिलभाऊ बाबर – (खानापुर)
- डॉ. किनिकर बालाजी प्रल्हाद –(अंबरनाथ)
- प्रकाश सुर्वे – (मागाठाणे)
- महेश शिंदे – (कोरेगांव)
- लता सोनवणे – (चोपडा)
- चिमणराव रूपचंद पाटिल- (एरंडोल)
- रमेश बोरनारे – (वैजापुर)
- डॉ. संजय रायमुलकर – (मेहकर)
- बालाजी कल्याणकर – (नांदेड उत्तर)
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बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को घोषणा की कि 21 जून 2022 को पार्टी में विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट ही 'असली' शिवसेना है. एकनाथ शिंदे समेत सभी 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की संभावना को शिवसेना-यूबीटी के तर्क को खारिज कर दिया गया.विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी माना कि तत्कालीन मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) सुनील प्रभु ने पद पर बने रहने की पार्टी की इच्छा को प्रतिबिंबित करना बंद कर दिया, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी गुट के उभरने के बाद नए मुख्य सचेतक भरत गोगावले ही वैध रूप से निर्वाचित मुख्य सचेतक थे.
अध्यक्ष का बहुप्रतीक्षित फैसला मुख्यमंत्री शिंदे के लिए बड़ी राहत और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने अलग हुए समूह के दावों का विरोध किया था.अध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे गुट को चुनौती देने वाली एसएस-यूबीटी याचिका में किए गए कई अन्य दावों और तर्कों को खारिज कर दिया है. यहां तक कि मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में सत्तारूढ़ शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े पैमाने पर जश्न मनाया जाने लगा.