(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Dussehra Rally: उद्धव गुट को मिली दशहरा रैली की इजाजत, जानें- क्या बोलीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी?
मुंबई के शिवाजी पार्क में होने वाली दशहरा रैली के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे गुट को इजाजत दी. इसे लेकर अब शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की भी प्रतिक्रिया आई है.
Shiv Sena Dussehra Rally: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को बड़ा झटका देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली (Dussehra Rally)की इजाजत दी. अब बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. पांच अक्टूबर को मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क (Shivaji Park) में होने वाली इस रैली को लेकर शिवसेना सांसद ने ट्वीट करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर भी निशाना साधा है.
शिवसेना की दशहरा रैली को लेकर दिए गए बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर लिखा- " पार्टी का एक नेता, एक शिवसेना, एक शिवतीर्थ, एक ही दशहरा सभा, 5 अक्टूबर को बाघ की दहाड़ सुनाई देगी." वहीं दूसरे ट्वीट में शिवसेना सांसद ने लिखा- " डॉक्टर की सलाह- पूरे महाराष्ट्र कैबिनेट के लिए तत्काल सेलाइन ड्रिप."
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है. राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना ये राज्य सरकार का काम होता है, लेकिन बीएमसी के जरिए जो कानून व्यवस्था का हवाला दिया था वो गलत था.
बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ ने शुक्रवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. यह याचिका ठाकरे गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा बृहन्नमुंबई महानगरपालिका के आदेश को चुनौती देते हुई दायर की गई थी. जिसमें बीएमसी ने शिवसेना को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
इस याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा बीएमसी का आदेश स्पष्ट रूप से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. बीएमसी ने दोनों गुटों को रैली के लिए अनुमति न देते हुए कहा था अगर एक गुट को अनुमति दी जाती है तो इससे स्थानीय पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाएगी.