Mumbai: शिवसेना (ShivSena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) को मुंबई के पात्रा चॉल घोटाला मामले मंगलवार को भी राहत नहीं मिली. मुंबई की एक विशेष अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 10 अक्तूबर तक के लिए बढ़ा दी. राउत की जमानत अर्जी पर सुनवाई अब 10 अक्तूबर को होगी.प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितता के संबंध में राउत को एक अगस्त को गिरफ्तार किया था. अब राउत की रिमांड और जमानत दोनों को एक साथ मर्ज कर दिया गया है.


प्रवर्तन निदेशालय ने उठाया कदम


ईडी ने इस मामले में पिछले महीने एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. इसमें संजय राउत को मामले में आरोपी बनाया गया था.कोर्ट ने पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया. इसमें राउत का नाम मनी लॉड्रिंग के एक मामले में आरोपी के रूप में लिया गया है.राउत ने जमानत के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामलों की विशेष अदालत का रुख किया था.


विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शिवसेना सांसद के सहयोगी प्रवीण राउत समेत मामले के सभी आरोपियों को समन जारी किया था.शिवसेना नेता की जमानत पर सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी,क्योंकि उनके वकील ने कहा था कि वह आरोपपत्र का अध्ययन करना चाहते हैं और अपनी याचिका में अतिरिक्त आधार जोड़ने का फैसला करना चाहते हैं.


संजय राउत की अर्जी पर ईडी की दलील


राउत की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने पिछले हफ्ते अदालत को बताया था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से मनी लॉड्रिंग मामले में प्रमुख भूमिका निभाई थी. उन्होंने पर्दे के पीछे से काम किया.ईडी ने राउत की इस दलील का भी खंडन किया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई किसी द्वेष या राजनीतिक प्रतिशोध के चलते की गई है.


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