Maharashtra Politics: भारत के चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के कुछ दिनों बाद पार्टी का केंद्रीय कार्यालय ठाणे में खुल गया. नये शिवसेना केंद्रीय कार्यालय का नाम ठाणे में आनंद आश्रम (Anand Ashram) रखा गया है. संयोग से मुख्यमंत्री शिंदे के राजनीतिक गुरु स्वर्गीय आनंद दीघे का यह गृह नगर है.


दो दिन पहले एक पत्र में पार्टी सचिव संजय मोरे ने फैसला किया कि बालासाहेबंची शिवसेना को अब से शिवसेना कहा जाना चाहिए, क्योंकि मूल पार्टी का नाम और प्रतीक (धनुष और तीर) उन्हें दिया गया है. इससे पहले, शिवसेना का केंद्रीय कार्यालय दादर (मुंबई) में प्रतिष्ठित शिवसेना भवन में था, जो पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना (यूबीटी) गुट के नियंत्रण में है.


ठाकरे पक्ष की संपत्तियों पर नहीं करेंगे दावा


शिवसेना भवन एक ठाकरे परिवार के ट्रस्ट के साथ-साथ प्रबोधन प्रकाशन से भी संबंध रखते हैं, जिसमें दैनिक सामना, दोपहर का सामना और मार्मिक साप्ताहिक जैसे प्रकाशन हैं और यह ठाकरे पक्ष के पास रहेगा. इसके बाद कुछ तिमाहियों में आशंकाओं को दूर करते हुए, मुख्यमंत्री शिंदे और पार्टी के अन्य नेताओं ने घोषणा की है कि वे शिवसेना भवन और ठाकरे पक्ष की अन्य संपत्तियों पर दावा नहीं करेंगे.


बता दें कि शिवसेना की असली पहचान मुख्यमंत्री शिंदे गुट को मिलने के बाद राज्य और देश की राजनीति में एक अलग बहस छिड़ गई है. हालांकि उद्धव नीत शिवसेना की तरफ से लगातार इसे लेकर साजिश बताया जा रहा है. चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने को लेकर उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जाहं उन्हें राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से मना कर दिया. इससे पहले शिवसेना के शिंदे गुट ने विधान भवन स्थित शिवसेना विधायक दल के कार्यालय पर कब्जा किया था. शिंदे गुटे ने दावा किया था कि यह कार्यालय अब हमारी पार्टी का है. 


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