Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बीते साल राजनीतिक संकट पैदा होने के बाद बनी एकनाथ शिंदे और बीजेपी की सरकार पर शिवसेना ने जुबानी हमला बोला है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले पर फैसला दिया. हालांकि आगे की सुनवाई के लिए इस मामले में 7 न्यायाधीशों की बेंच के पास भेज दिया गया है. इस फैसले को लेकर शिवसेना, बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट अपने अनुसार आकलन कर रहा है. तीनों ही समूहों ने इसे अपनी जीत बताई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 'मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पूर्ण संतुष्टि व्यक्त करता हूं. जो लोग अनुमान लगा रहे थे कि यह सरकार आज गिर जाएगी, वे (फैसले से) चुप हो गए हैं.'


फडणवीस की टिप्पणी पर शिवसेना के मुखपत्र सामना की संपादकीय में प्रतिक्रिया दी गई है. सामना में लिखा गया- फडणवीस वकील हैं. वे बेहद गलत तरीके से राजनीतिक सुविधा का अर्थ इस फैसले का निकाल रहे हैं. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री की तरह फडणवीस की वकील की डिग्री पर भी कल लोग संदेह करने लगेंगे.


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संपादकीय में लिखा गया- राज्यपाल द्वारा बहुमत परीक्षण के लिए दिया गया निर्णय गलत साबित हुआ और फिर भी उससे बनी सरकार सत्ता में आने जा रही है तो यह बेईमानी है. देवेंद्र फडणवीस इस बेईमानी की वकालत कर रहे हैं. वे गृहमंत्री हैं. वे राज्य के कानून व न्याय विभाग के मंत्री भी हैं. इसका मतलब सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय जो भी हो, हम उस फैसले की व्याख्या अपने तरीके से करेंगे और कुर्सियों पर चिपक कर बैठेंगे. 


डिप्टी सीएम की टिप्पणी पर सामना में लिखा गया- संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन करके जो सरकार राज्य में सत्ता पर विराजमान हुई है, वह असंवैधानिक साबित होती है. अब सवाल केवल १६ विधायकों की अयोग्यता का नहीं बचा है, बल्कि पूरी सरकार को ही अयोग्य ठहरा दिया गया है. नीचे गिरकर भी टांग ऊपर करके बोलने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को यह बात समझनी चाहिए.