Shiv Sena Party Symbol Row: 'एक नाजायज सरकार कब तक चलनी चाहिए', संजय राउत का सवाल, कहा- संविधान पीठ को लेना होगा फैसला
Maharashtra: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संजय राउत ने कहा, अदालत को दोनों पक्षों को सुनने के बाद जो सच है, जो संविधान के अनुसार है उसके अनुसार फैसला लेना होगा.
Maharashtra Politics: शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा, हमें आज महाराष्ट्र राजनीति संकट पर फैसले की उम्मीद थी पर ऐसा नहीं हुआ. संजय राउत ने कहा कि कोर्ट ने खुद कहा है कि इस संबंध में फैसला लेना आसान नहीं है. राउत ने यह भी कहा कि अदालत को दोनों पक्षों को सुनने के बाद जो सच है, जो संविधान के अनुसार है, उसके अनुसार फैसला लेना होगा. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'नाजायज सरकार कब तक चलनी चाहिए?' राउत ने यह सवाल भी पूछा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में संविधान पीठ को फैसला लेना है. राउत आज रत्नागिरी के दौरे पर हैं. वहां उन्होंने मीडिया से बातचीत की.
मामला सात जजों की बेंच के पास जाना चाहिए क्योंकि...
कोर्ट ने कहा है कि नबाम रेबिया मामले का फैसला आंखों के सामने नहीं लिया जा सकता है. हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि संजय राउत ने अपनी राय व्यक्त की कि यह मामला सात न्यायमूर्ति पीठ के पास जाना चाहिए. इसमें समय लग सकता है, लेकिन यह मामला सात जजों की बेंच के पास जाना चाहिए. क्योंकि इस मामले को सुलह से सुलझाया जाएगा और पूरे देश को एक पारदर्शी नतीजा मिलेगा. संजय राउत ने इस दौरान कहा कि भविष्य में कोई पैसे के दम पर सरकार नहीं गिरा पाएगा.
'हमारी नजर में सभी विधायक अयोग्य हैं'
विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा बेहद अहम है. हमारे नजरिए से सभी विधायक अयोग्य हैं. सिर्फ चुनाव आयोग और कोर्ट को ही इस पर मुहर लगानी है. राउत ने इस वक्त कहा कि संविधान पीठ को यह फैसला करना है कि इस संविधानेतर, अवैध सरकार को कब तक चलाना है.
सत्ता संघर्ष का यह मामला पांच जजों के पास रहेगा
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष की दृष्टि से आज का दिन महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे समूह की इस मामले को सात न्यायाधीशों के पास भेजने की मांग को खारिज कर दिया है. अब अगली सुनवाई 21 और 22 फरवरी को होगी. सत्ता संघर्ष का यह मामला पांच जजों के पास रहेगा और मामले की नियमित सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की मांग को खारिज करते हुए बड़ा झटका दिया है. सत्ता संघर्ष का यह मामला पांच जजों की संविधान पीठ के सामने होगा. आज चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक पेज का फैसला पढ़ा. इसने नबाम रेबिया मामले की खूबियों पर चर्चा की. उसके बाद नबाम रेबिया का मामला सात जजों की बेंच के पास जाने लायक नहीं रह गया है, इसलिए इस मामले को पांच जजों की बेंच पर छोड़ दिया जाएगा.
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