Uddhav Thackeray Interview: 'उन्हें 36 पार्टियों की जरूरत नहीं, NDA में है ED, इनकम टैक्स और CBI', उद्धव ठाकरे ने कसा तंज
Shiv Sena Podcast Series: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "ईडी, आयकर और सीबीआई ही तीन दल हैं जो एनडीए में मजबूत हैं."
Uddhav Thackeray Latest Interview: उद्धव ठाकरे ने एक इंटरव्यू में कहा, "ईडी, आयकर और सीबीआई ही तीन दल हैं जो एनडीए में मजबूत हैं." पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का 'सामना' के कार्यकारी संपादक और सांसद संजय राउत ने 'आवाज कुणाचा' पॉडकास्ट में उनका एक इंटरव्यू लिया. इस इंटरव्यू का पहला भाग आज सुबह 8 बजे प्रसारित किया गया और दूसरा भाग कल 27 जुलाई 2023 को सुबह 8 बजे प्रसारित किया जाएगा.
NDA को लेकर क्या बोले उद्धव ठाकरे?
18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई. विपक्षी गठबंधन को 'भारत' का नाम दिया गया है. उसी दिन बीजेपी ने एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक बुलाई थी. उस बैठक में 36 पार्टियां मौजूद थीं. एबीपी माझा के अनुसार, इस पर बोलते हुए, उद्धव ठाकरे ने कहा, "कई वर्षों के बाद, यह पता चला कि 'एनडीए' नाम का कोई अमीबा इस देश में जीवित है और हमारे प्रधानमंत्री उसी दिन अपनी स्मृति से बाहर आए और इसका जवाब दिया कि हम देशभक्त राजनेताओं के पास है." वास्तव में, उन्हें 36 पार्टियों की जरूरत नहीं है. ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई अब उनके 'एनडीए' में केवल तीन पार्टियां हैं.'
पार्टी नाम और सिंबल पर कही ये बात
इस इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने ये भी भरोसा जताया कि शिवसेना को फिर से नाम मिलेगा. चुनाव आयोग का काम चुनाव चिह्न या सिंबल जारी करना है. पार्टी का नाम नहीं देना या पार्टी का नाम बदलना नहीं. इसलिए अब हम चुनाव आयोग द्वारा दिए गए अजीब फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं और मुझे यकीन है कि हमने सुप्रीम कोर्ट में अपना मामला पेश करते समय वे सभी चीजें पूरी की हैं जो पूरी होनी चाहिए थीं और उस पूर्ति के कारण मैं हूं. यकीन है, 'हमें फिर से शिवसेना नाम मिलेगा.'
'हमेशा मुट्ठी भर वफादार लोग पसंद आते हैं'
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत बागी विधायकों की आलोचना करते हुए कहा कि मैं हमेशा गद्दारों के झुंड के मुकाबले मुट्ठी भर वफादारों को तरजीह देता हूं. "कभी-कभी हम धोखा खा जाते हैं. जिन्हें हम अपना समझते हैं वे चले गए हैं. हम अब भी सोचते हैं कि वे हमारे साथ हैं, लेकिन वास्तव में वे मूल पेड़ की शाखा पर हैं जो मूल पेड़ का रस चूस रहे हैं. पेड़ सोचता है कि वे हमारे साथ हैं. मैं अपने आस-पास केवल मुट्ठी भर लोगों को चाहता हूं, लेकिन मैं ऐसे लोगों को चाहता हूं जो वफादार हों. क्योंकि यही असली ताकत है. मुझे हमेशा अपने साथ रखने की बजाय मुट्ठी भर वफादार लोग पसंद हैं,
शिवसेना मजबूत थी, लेकिन अब ढाई साल में मैं जो कर पाया हूं, उसके कारण महाराष्ट्र के लोग मुझे अपने परिवार का सदस्य मानने लगे हैं. ये मेरी कमाई है. जो लोग पहले कभी शिव सेना के साथ नहीं थे, वो लोग भी उस रिश्ते की वजह से शिवसेना के साथ जुड़ गए. लोग कहते हैं कि आपके साथ जो हुआ वह अनुचित है. ये संस्कृति महाराष्ट्र की नहीं है. आप चिंता न करें. हम एक साथ हैं. इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि मुझे लोगों को कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है.