Exclusive: 'कांग्रेस का पतन होना ही है, अगर...', चुनावी गहमागहमी के बीच संजय निरुपम का राहुल गांधी पर तीखा हमला
Sanjay Nirupam Exclusive: संजय निरुपम ने कहा, "तीसरी बार विपक्ष में बैठने पर जश्न मना रहे हैं, दिवाली मना रहे हैं और पटाखे फोड़ रहे हैं. ये कर्महीनता है. इसे मैं कांग्रेस की उपलब्धि नहीं कहूंगा."
Sanjay Nirupam Exclusive: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. संजय निरुपम ने कहा, "कांग्रेस का पतन तो होना ही है. अगर राहुल गांधी 100 करोड़ रुपये खर्च करके पूरे देश में 'भारत जोड़ो यात्रा' कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव में पार्टी को 100 सीट भी नहीं मिल रही तो ये कांग्रेस की उपलब्धि नहीं दुर्भाग्य है."
एबीपी न्यूज के सवाल अगर शिवसेना टूटी हुई नहीं होती और इसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे होते तो क्या संजय निरुपम वापस से शिवसेना में आते? इसका जवाब देते हुए संजय निरुपम ने कहा, "मुझे कांग्रेस छोड़ने की जरूरत ही नहीं पड़ती. साल 2019 में जब शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन हुआ तो पूरे देश में अकेला मैं था जिसने विरोध किया. मैंने मुखर होकर कहा था कि ये गठबंधन सही नहीं है. इसमें कांग्रेस और शिवसेना दोनों का नुकसान होगा. आखिर कांग्रेस का पतन हुआ."
उन्होंने कहा, "हालांकि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कुछ सीटें बढ़ीं, लेकिन वो सीटें कांग्रेस के प्रताप से नहीं बढ़ी है. दरअसल, इस बार प्रचार छोटा था, बीजेपी का चुनाव प्रचार भी लो मूड में था, पीएम मोदी के खिलाफ फेक नैरेटिव चलाया गया और अल्पसंख्यक समाज ने इस बार जैसे वोट दिया वो पहले कभी नहीं हुआ था, लेकिन हमेशा वैसा ही वातावरण होगा ये जरूरी नहीं है. महाराष्ट्र और हरियाणा में लोकसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी ने अपने आप को सुधारने का जबरदस्त प्रयास किया, जिसके नतीजे दिख रहे हैं."
कांग्रेस का पतन तो होना ही है- संजय निरुपम
वहीं आगे एक सवाल का जवाब देते हुए संजय निरुपम ने कहा, "अगर राहुल गांधी 100 करोड़ रुपये खर्च करके पूरे देश में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान चार हजार किलोमीटर पैदल चलते हैं और कहते हैं कि करोड़ों लोगों से उन्होंने सीधे बात की. इसके बावजूद अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी को 100 सीट भी नहीं मिल रही तो ये कांग्रेस की उपलब्धि नहीं दुर्भाग्य है."
उन्होंने कहा, "इसके साथ ही कांग्रेस के नेताओं की कर्महीनता है, कि दो बार लगातार लोकसभा चुनाव हारने के बाद जब तीसरी बार हारते हैं तो चाहते हैं आपको नेता प्रतिपक्ष मिले. तीसरी बार भी आप विपक्ष में बैठने पर जश्न मना रहे हैं, दिवाली मना रहे हैं, फटाखे फोड़ हैं तो ये आपकी कर्महीनता है. इसे मैं कांग्रेस की उपलब्धि नहीं बोलूंगा. बस कांग्रेस के पतन की जो स्पीड थी वो थोड़ा स्लो हो गई है, लेकिन कांग्रेस का पतन तो होना ही है. कांग्रेस की अब कभी वापसी नहीं हो सकती है."