Anand Dighe Death Controversy: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु रहे आनंद दिघे के जीवन पर आधारित फिल्म धर्मवीर का दूसरा हिस्सा बीते शुक्रवार (27 सितंबर) के दिन सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है. फ़िल्म के रिलीज होते ही शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा करते हुए कहा कि आनंद दिघे की हत्या की गई थी. ये बात पूरे ठाणे को पता है. 


शिंदे गुट के नेता ने कहा, ''दोपहर में आनंद दिघे को अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली थी लेकिन अचानक उनकी मौत हो जाती है. इसकी वजह हार्ट अटैक बताया जाता है. जनता को सब पता है. कुछ समय बाद सच्चाई सामने आएगी. शिरसाट के इस बयान के बाद शिवसेना के दोनों गुट आमने सामने है. आनंद दिघे के मौत को लेकर दिए बयान के बाद इसे लेकर जमकर राजनीति हो रही है. 


चुनाव आते ही राजनीति शुरू हो जाती है- केदार दिघे


शिरसाट के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए आनंद दिघे के भतीजे और ठाणे से शिवसेना (UBT) के नेता केदार दिघे ने कहा, ''ये महाराष्ट्र औऱ ठाणे का दुर्भाग्य है कि चुनाव नजदीक आते ही दिघे साहब को लेकर राजनीति शुरू हो जाती है. कई सालों से ऐसा ही चलते आ रहा है. अगर शिरसाट ने दिघे साहब को लेकर कोई दावा किया है तो वो सबूत लेकर मेरे पास आए. मैं फिर उन सबूतों को लेकर कोर्ट जाऊंगा.


केदार दिघे ने कहा, ''अगर संजय शिरसाट के आरोप सही हैं तो आप जिन्हें अपना गुरु मानते हो, आपके मुख्यमंत्री जिन्हें अपना गुरु मानते हैं वो उस समय क्या कर रहे थे? 23 साल के बाद इस प्रकार का आरोप क्यों लगाया जा रहा है? 


बीजेपी विधायक नितेश राणे ने क्या कहा?


आनंद दिघे के मौत को लेकर चल रहे विवाद पर बीजेपी विधायक नितेश राणे ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''आनंद दिघे की मौत को लेकर सालो से सस्पेंस बरकरार है. नारायण राणे साहब ने जब शिवसेना छोड़ी तब उद्धव ठाकरे ने उन्हें मारने की सुपारी दी थी. राज ठाकरे के जान को भी खतरा पहुंचने की कोशिश की गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जब महाविकास आघाड़ी में मंत्री थे, तब जानबूझकर उनकी सुरक्षा को कम करने का प्रयत्न किया गया था.''


आनंद दिघे की मौत पर संदेह बरकरार- संजय निरुपम


शिवसेना नेता संजय निरुपम ने भी आनंद दिघे के मौत पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ''मुझे आज भी याद है जिस तरह से आनंद दिघे साहब का एक्सीडेंट हुआ था उनकी जीप से उसके बाद सिंहानिया अस्पताल में उनका कई दिनों तक उनका इलाज चला था, उसके बाद जिस प्रकार से उनकी मौत होती है वो आज भी संदेहास्पद है. वो संदेह से परे तो नही है. अब तक क्यों नहीं बोला. अब क्यों बोला इसका कोई अर्थ नहीं है. 


उन्होंने आगे कहा, ''आज भी सामान्य शिव सैनिकों के मन में ये भावना है कि आनंद दिघे की जो मृत्यु थी वो स्वाभाविक नहीं थी, उनको मारा गया था. किसने मारा, क्यों मारा ये पता नहीं. मुख्यमंत्री दिघे साहब के शिष्य रहे हैं. अगर शिंदे साहब के मन में जांच कराने की भावना है तो हम इसका समर्थन करेंगे.''


राजनीति के जानकारों का क्या कहना है? 


आनंद दिघे के जीवन पर आधारित फिल्म के रिलीज होने के बाद उनके मौत को लेकर हो रही पर राजनीति पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ''फिल्मों के दुनिया मे ये आम बात है कि अगर किसी फ़िल्म के रिलीज या रिलीज़ के बाद अगर कोई विवाद होता है तो फ़िल्म चल पड़ती है. धर्मवीर पार्ट 1 और धर्मवीर पार्ट 2 दोनों ही फ़िल्म मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को प्रोजेक्ट करने के लिए बनाई गई है. 


उन्होंने आगे कहा, ''संजय शिरसाट शिंदे सरकार के विधायक हैं. वो हमेशा अलग-अलग बयान देते रहते हैं. उनके बयान में तर्क ढूंढना कठिन है. मैं समझता हूं कि यह एक चुनावी जुमला है. इसपर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है.''


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