Kiran Pawaskar Slammed Aaditya Thackeray: शिवसेना सचिव और प्रवक्ता किरण पावस्कर ने यह दावा करने के लिए सेना (यूबीटी) की आलोचना की है कि कोविड-19 जंबो सेंटर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई सरकार द्वारा उनके 1 जुलाई के विरोध मार्च से पहले उन्हें चुप कराने की एक रणनीति है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने BMC में हुए धोखाधड़ी मामले में जांच के लिए SIT का गठन किया है.


शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट पर हमला
न्यूज़ 18 में छपी एक खबर के अनुसार, पावस्कर ने कहा कि जिस तरह से विपक्ष ने पिछले 24 वर्षों से बीएमसी को लूटा है, उसे देखते हुए लोगों ने भी जांच का समर्थन किया. “पिछले 24 वर्षों से, उन्होंने केवल बीएमसी को लूटा है. इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद, शहर का बुनियादी ढांचा लगातार बिगड़ता गया. यहां तक कि कोविड-19 के दौरान भी, जब लोग मर रहे थे और दवा पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, ये लोग बेशर्मी से शवों पर पैसा कमा रहे थे. और आज जब जांच हो रही है तो कह रहे हैं कि ये राजनीतिक प्रतिशोध के तहत किया जा रहा है. तो आप जनता को लूटते रहना चाहते हैं और कोई आपसे सवाल न करे?”


क्या कुछ बोले पावस्कर?
पावस्कर ने कहा, उन्होंने कहा कि 1 जुलाई का विरोध प्रदर्शन एक दिखावा और प्रचार का हथकंडा है. “1 जुलाई को शनिवार है, क्या वे बीएमसी के चौकीदार को अपना ज्ञापन देंगे और लौट आएंगे?” सरकारी अधिकारियों और आदित्य ठाकरे और संजय राउत के सहयोगियों पर ईडी की छापेमारी पर बोलते हुए, पावस्कर ने कहा कि पूछताछ में देरी हुई है और अब भी, अगर जांच ठीक से की जाती है, तो यह उन्हें घोटालों के 'मास्टरमाइंड' आदित्य ठाकरे तक ले जाएगी.


पावस्कर ने कहा, “यह सूरज चव्हाण कौन है? जब वह इतने वर्षों तक आयकर देने के पात्र नहीं थे, तब भी उन्होंने इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की? वह किसके लिए पैसा इकट्ठा कर रहे थे? जब इन सभी चीजों की जांच की जाएगी, तो यह उन्हें आदित्य ठाकरे तक ले जाएगी.” उद्धव ठाकरे के इस दावे पर कि बीएमसी की सावधि जमा को तोड़ा जा रहा है, पावस्कर ने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल मुंबई को वह विकास देने के लिए किया जा रहा है जिसका वह हकदार है.


पावस्कर ने पूछा, “हम इस पैसे का उपयोग नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कें देने के लिए कर रहे हैं. वो क्या करते थे? जंबो कोविड सेंटर बनाने के लिए सुजीत पाटकर को ठेका दिया गया. उसकी साख क्या है, सिर्फ इतना कि वह संजय राउत का दोस्त है? ऐसे मनमाने फैसलों पर सवाल क्यों नहीं उठाया जाना चाहिए.”


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