कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को कहा कि एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने का चुनाव आयोग का फैसला उम्मीद के मुताबिक था. चव्हाण ने एजेंसी से कहा कि चुनाव आयोग ने विधायी और संसदीय बहुमत पर विचार किया. उन्होंने कहा, यह उम्मीद की गई थी कि चुनाव निकाय सत्ताधारी पार्टी की मदद करने के लिए एक विशेष तरीके से फैसला करेगा.


पृथ्वीराज चव्हाण ने दिया ये सुझाव


उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उपयुक्त अपीलीय अदालत में जाना चाहिए क्योंकि उन्हें जिला और तालुका स्तर पर व्यापक समर्थन हासिल है. जैसा कि निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना गुट को 'धनुष और तीर' चुनाव चिन्ह आवंटित करने का आदेश दिया है. आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक  'जलता मशाल' सिंबल आवंटित करने की अनुमति दी. .


चुनाव आयोग ने क्या कहा?


आयोग ने कहा कि एकनाथ शिंदे को समर्थन देने वाले शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में  लगभग 76 प्रतिशत वोट मिले. तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग  ने एक सर्वसम्मत आदेश में कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के विजयी शिवसेना उम्मीदवारों (विधायकों) के पक्ष में 23.5 प्रतिशत वोट मिले.


उद्धव ठाकरे फैसले के खिलाफ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट 


चुनाव आयोग के उस आदेश पर कि 'शिवसेना' नाम और 'धनुष और तीर' चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास बना रहेगा, उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को दरकिनार कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. मैंने कहा था कि ईसीआई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए था. यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. 


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