Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray: चुनाव आयोग द्वारा सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह धनुष बाण से नवाजे जाने के बाद अब शिवसेना भवन और पार्टी की संपत्ति को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. शिंदे समूह के विधानमंडल में शिवसेना कार्यालय पर कब्जा करने के बाद इन चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया. अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना भवन और अन्य संपत्तियों को लेकर अहम बयान दिया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि हम किसी संपत्ति पर दावा नहीं करेंगे. 


पुणे आये थे सीएम शिंदे
उपचुनाव प्रचार के सिलसिले में मुख्यमंत्री शिंदे पुणे आए थे. उसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर टिप्पणी की. चुनाव आयोग ने मेरिट के आधार पर फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इसका विरोध करना गलत है. हम शिवसेना हैं. इसलिए हमने विधायक पद संभाला है. लेकिन हम किसी संपत्ति पर दावा नहीं करना चाहते. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें किसी चीज का लालच नहीं है. 


क्या चर्चाओं पर लगेगा लगाम?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस रुख के बाद अब शिवसेना भवन और शाखाओं के विवादों पर विराम लगने की संभावना जताई जा रही है. ठाकरे समूह ने स्थानीय स्तर की शिवसेना शाखा को शिंदे समूह द्वारा अपने कब्जे में लेने से रोकने के लिए भी प्रयास किए. बताया जा रहा है कि संभावित विवाद की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा की गई टिप्पणी महत्वपूर्ण होगी. 


कसबा पेठ में जल्द होने हैं उपचुनाव
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि कसबा पेठ से कई लोग आए और मुझसे मिले. तेली समुदाय, मराठा समुदाय, सोनार समुदाय, ब्राह्मण समुदाय जैसे कई समुदायों के लोग आए और मिले. उन्होंने कस्बे में पुरानी हवेलियों का मुद्दा, ट्रांसपोर्ट का मुद्दा जैसे कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज बीजेपी से नाराज नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि यह विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा है और यह निर्वाचन क्षेत्र गठबंधन का गढ़ है. मतदाता तय करते हैं कि कौन जीतेगा. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार जिस निर्भीकता से फैसले ले रही है, उससे लोगों का मानना ​​है कि यह सरकार काम कर रही है.


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