Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray: पार्टी का नाम 'शिवसेना' और 'धनुष्यबाण' चुनाव चिह्न मिलने के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों गुटों के बीच टकराव तेज होगा क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने उद्धव ठाकरे गुट पर हर तरफ से हमला करने की योजना बनाई है. हाथ से पार्टी का नाम और सिंबल जाने के बाद उद्धव ठाकरे के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है.


शिंदे गुट ने बनाई ये योजना
शिंदे गुट ने सोमवार को 'शिवसेना भवन' के मालिक 'शिवई ट्रस्ट' के खिलाफ चैरिटी कमिश्नर से शिकायत की तो दूसरी ओर विधान भवन स्थित शिवसेना विधायक दल के कार्यालय को भी सीज कर दिया. साथ ही यह भी ऐलान किया गया कि ठाकरे गुट के विधायकों को भी अगले हफ्ते होने वाले विधानसभा सत्र के लिए पार्टी आदेश जारी किए जाएंगे. उधर, उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय चुनाव आयोग समेत शिंदे गुट पर हमला बोला. ठाकरे ने तर्क दिया कि आयोग का फैसला अमान्य है और जिस आयोग ने इसे दिया है उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ठाकरे समूह की ओर से दायर याचिका पर भी कोर्ट में सुनवाई होगी.


एकनाथ शिंदे गुट ने चली ये चाल 
शिवसेना के शिंदे धड़े ने सोमवार को विधान भवन स्थित शिवसेना विधायक दल के कार्यालय पर कब्जा कर लिया. शिंदे समूह ने दावा किया है कि यह कार्यालय अब हमारी पार्टी का है. दादर में ठाकरे समूह के मुख्यालय भवन शिवसेना भवन का स्वामित्व 'शिवई ट्रस्ट' के पास है. सुभाष देसाई, विशाखा राउत, रवींद्र मिरलेकर, दिवाकर राउत आदि इस संस्था के ट्रस्टी हैं. ये सभी नेता ठाकरे के साथ हैं.


यह महसूस करते हुए कि शिवसेना भवन आसानी से हासिल नहीं होगा, शिंदे समूह ने एक अलग चाल चली है. कुछ लोगों ने चैरिटी कमिश्नर से कार्रवाई की मांग की है, आरोप लगाया है कि शिवई ट्रस्ट ने एक राजनीतिक दल के कार्यालय को अपनी इमारत का उपयोग करने की अनुमति देकर चैरिटी ट्रस्टों के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है. दोनों समूहों के बीच कानूनी विवाद के संकेत हैं.


शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रतोद भरत गोगावले ने ऐलान किया है कि ठाकरे गुट के विधायकों को पार्टी का नाम शिवसेना होने पर पार्टी के आदेश जारी किए जाएंगे. सभी 56 विधायकों को अगले हफ्ते से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में शामिल होने और पार्टी के आदेश के अनुसार मतदान करने का पार्टी आदेश जारी किया जाएगा. पार्टी के इस आदेश का पालन करना सभी विधायकों को अनिवार्य होगा. गोगावले ने यह भी चेतावनी दी कि आदेश का पालन नहीं करने वाले विधायकों पर दल-बदल अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.


इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
शिव सेना भवन के मालिक 'शिवाई ट्रस्ट' के खिलाफ चैरिटी कमिश्नर से शिंदे गुट की शिकायत.
विधान भवन में शिवसेना विधायक दल का कार्यालय भी शिंदे समूह के नियंत्रण में है.
ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की शिंदे गुट की रणनीति.
शिंदे गुट को पार्टी का नाम और सिंबल देने के चुनाव आयोग के फैसले को ठाकरे गुट ने खारिज कर दिया.
ठाकरे गुट की केंद्रीय चुनाव आयोग को खत्म करने की मांग.
चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका.


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