Shiv Sena Symbol Row: 'राजनीति में मतभेद... टकराव होते हैं लेकिन...' NCP प्रमुख शरद पवार का शिंदे गुट पर निशाना
NCP Sharad Pawar on Eknath Shinde: शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और धनुष और तीर का चुनाव चिह्न देने के केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले पर शरद पवार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
Eknath Shinde VS Uddhav Thackeray: पहली बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार ने शिंदे समूह को शिवसेना का नाम और धनुष और तीर का चुनाव चिह्न देने के केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. शरद पवार ने कहा, "राजनीति में मतभेद होते हैं, टकराव होते हैं. लेकिन सत्ता का दुरुपयोग कर पार्टी और चुनाव चिह्न हड़पना कभी नहीं हुआ. इसमें संदेह है कि वास्तव में चुनाव आयोग के फैसले कौन लेता है." पिंपरी चिंचवड़ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए शरद पवार आज चिंचवड़ उपचुनाव चुनाव के प्रचार के लिए आये हुए थे.
चुनाव आयोग के नतीजे पर पहली बार बोले पवार
केंद्रीय चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष पर एक बड़ा फैसला सुनाया. 17 फरवरी को आए नतीजे में शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और धनुष-बाण का चुनाव चिह्न दिया गया. चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इस पर पार्टी के विभिन्न नेताओं ने प्रतिक्रिया दी. लेकिन शरद पवार ने अब तक कोई बयान नहीं दिया था. एबीपी मांझा के अनुसार, आज चिंचवड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पहली बार चुनाव आयोग के नतीजों पर टिप्पणी की.
'मैंने भी कांग्रेस छोड़ी लेकिन...'
शरद पवार ने कहा, "राजनीति में मतभेद होते हैं, टकराव होते हैं. लेकिन सत्ता का दुरुपयोग कर पार्टी और चुनाव चिह्न हड़पना ऐसा कभी नहीं हुआ. मैंने भी कांग्रेस छोड़ी थी, लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया. चुनाव आयोग ने हमें सुझाव दिया. फिर उन्होंने हाथ लगाया और हमने घड़ी ले ली. लेकिन यहां की विशेषता यह है कि चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न दिया है. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. जिस पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है, उसके पक्ष में हूं. फिलहाल मैं राज्य में भ्रमण कर रहा हूं, जिससे यह देखा जा सकता है कि जनता उद्धव ठाकरे के पक्ष में है. नतीजे आने वाले चुनाव में देखने को मिलेंगे."
'चुनाव आयोग के फैसले कौन लेता है, इस पर संशय'
शरद पवार ने चुनाव आयोग के कामकाज पर भी उंगली उठाई. चुनाव आयोग के फैसले असल में कौन ले रहा है, इस पर संशय बना हुआ है. ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि वह चुनाव आयोग के इशारे पर बोल रहे हैं. शरद पवार ने कहा कि इसके और उनके मार्गदर्शन के पीछे कोई शक्ति है.
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