Shiv Sena Symbol Row: 'विधायक के लिए 50 करोड़, MP के लिए 75...', शिंदे गुट पर संजय राउत का गंभीर आरोप
Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray: उद्धव ठाकरे गुट के हाथ से पार्टी-सिंबल जाने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति काफी गरमा गई है. संजय राउत ने अब शिंदे गुट पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जहां शिंदे गुट बनाम उद्धव ठाकरे गुट को लेकर राजनीति का माहौल गरमाया हुआ है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट में राज्य में सत्ता संघर्ष की सुनवाई कर रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत पिछले दो दिनों से 2000 करोड़ के पैकेज का दावा कर चर्चा में हैं. उसके बाद आज संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए सीधे रेट कार्ड का ऐलान किया है. संजय राउत ने दावा किया है कि ठाकरे गुट के विधायकों-खासदारों और अन्य पदाधिकारियों को खरीदने के लिए शिंदे समूह द्वारा कितने रुपये दिए जा रहे थे.
'मैं परिणामों को पूरी तरह से समझता हूं'
संजय राउत ने आज सुबह मीडिया से बात करते हुए शिंदे गुट की आलोचना की. लोकसत्ता में छपी एक खबर के अनुसार, संजय राउत ने 2,000 करोड़ रुपये का आरोप लगाते हुए कहा, हम परिणामों से पूरी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग का फैसला एकतरफा है. पिछले 5 महीनों में 2000 करोड़ के पैकेज का इस्तेमाल किया गया. मैं इसके निहितार्थों को पूरी तरह समझता हूं. इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है."
संजय राउत ने कहा, 'आप कार्यालयों को संभाल लेंगे. लेकिन आप लाखों नाराज शिवसैनिकों को कैसे काबू में करेंगे? उन्हें कैसे शांत करें? शिवसेना महाराष्ट्र की आत्मा है, मराठी लोगों की आवाज है. महाराष्ट्र की जनता इसके खिलाफ उठ खड़ी हुई है.'
संजय राउत का शिंदे गुट पर गंभीर आरोप
संजय राउत ने बोलते हुए दावा किया कि ठाकरे गुट के विधायकों-खासदार-अधिकारियों को शिंदे गुट द्वारा कितने रुपये का भुगतान किया जा रहा है, इसका रेट कार्ड उन्होंने तैयार किया था. “इस देश में, राज्य में रेट कार्ड कभी तैयार नहीं किया गया था. उसने रेट कार्ड तैयार किया था. नगरसेवक के लिए 2 करोड़, विधायक के लिए 50 करोड़, सांसद के लिए 75 करोड़, शाखा प्रमुख के लिए 50 लाख. इसके लिए रेट कार्ड बनाकर एजेंट भी नियुक्त किए जाते हैं. ये एजेंट कमीशन पर लोगों को तोड़ने का काम कर रहे हैं. ऐसा देश में पहली बार हो रहा है. ईडी, इनकम टैक्स कहां है? कौन सी विचारधारा है इनकी, जिसके लिए ये सब छोड़ रहे हैं.''