Shiv Sena (UBT) On Kangana Ranaut: अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत के बयान पर हंगमा जारी है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) ने अपने अखबार सामना के संपादकीय के जरिए अभिनेत्री को निशाने पर लिया है.
सामना ने लिखा, ''कंगना ने सवाल पूछा है कि सुभाष चंद्र बोस को प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनाया गया? जिन्होंने देश की आजादी का ऐलान किया, उन्हें क्यों गायब किया गया? उन्हें भारत आने से किसने रोका? मूलत: कंगना का भारतीय इतिहास से कोई संबंध नहीं रहा है.''
'...कंगना जैसे लोग ही असली स्वतंत्रता सेनानी हैं'
शिवसेना (यूबीटी) ने तंज कसते हुए कहा, '' कंगना के मुताबिक, देश आजाद हुआ मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद. यानी 2014 में. इससे पहले यह देश गुलामी में था और उस लिहाज से कंगना जैसे लोग ही असली स्वतंत्रता सेनानी हैं.''
दरअसल, पिछले दिनों कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजाद भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बताया था. बाद में इसपर उन्होंने सफाई भी दी.
सामना ने लिखा, ''कंगना रनौत ने नेताजी बोस के बारे में जो सवाल पूछा है, उसका जवाब एक स्कूली बच्चा भी देगा. 18 अगस्त 1945 को बोस की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई. सितंबर 1945 को उनकी अस्थियां जापान पहुंचीं. जब बोस की मृत्यु हुई तब गांधी-नेहरू, सरदार पटेल के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था. लेकिन इसी दौरान नेताजी बोस की मृत्यु हो गई थी. इसलिए बोस कहां थे? यह प्रश्न निरर्थक है.''
सरदार पटेल को लेकर बयान
कंगना रनौत के सरदार पटेल को लेकर दिए गए बयान पर भी शिवसेना (यूबीटी) ने वार किया. सामना में लिखा, ''एक इंटरव्यू में कंगना ने एक और अक्ल भरी बात कही. सरदार पटेल केवल इसलिए प्रधानमंत्री पद पर नहीं बैठ सके क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी.''
उन्होंने आगे कहा, ''सच तो यह है कि सरदार पटेल उच्च शिक्षित थे. वह अंग्रेजी में पारंगत थे. सरदार पटेल ने 1913 में इंग्लैंड के इन्स ऑफ कोर्ट से कानून की डिग्री प्राप्त की. 1950 में सरदार पटेल की मृत्यु हो गई. भारत में पहला लोकसभा चुनाव 1951-52 में हुआ था. इसलिए भाजपाई कंगना अपना अपार ज्ञान लुटाकर इतिहास खत्म न करें.''
सामना ने आगे लिखा कि बेशक, मुंबई पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर है खुलेआम ऐसा कहने वाली कंगना से आप ज्ञान की क्या उम्मीद कर सकते हैं?
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