Maharashtra News: मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव को लेकर शिवसेना यूबीटी के सांसद के बयान से सियासी खलबली मच गई है. संजय राउत ने शनिवार (21 दिसंबर) को संकेत दिया कि शिवसेना (यूबीटी) बीएमसी चुनाव अकेले लड़ सकती है.


संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनावों में संगठन के अकेले लड़ने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार दावेदार अधिक हैं. उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे और अन्य पार्टी नेताओं के बीच बीएमसी चुनाव (अकेले लड़ने को लेकर) बातचीत जारी है. कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े."


25 साल किया राज
बीएमसी पर अविभाजित शिवसेना का 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्ष नियंत्रण था. बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया था. राउत ने कहा कि मुंबई में पार्टी की ताकत निर्विवाद है.


'अगर ज्यादा सीटें मिलती तो जीतते'
उन्होंने कहा कि अगर हमें मुंबई में (विधानसभा चुनावों के दौरान) लड़ने के लिए और सीट मिलतीं तो हम उन्हें जीत लेते. राउत ने दावा किया कि मुंबई को जीतना जरूरी है, अन्यथा यह शहर महाराष्ट्र से अलग हो जाएगा.


'जब बीजेपी के साथ थे तब भी अकेले लड़े थे'
शिवसेना यूबीटी के सांसद राउत ने ये भी कहा, "यहां तक ​​कि जब (अविभाजित) शिवसेना का बीजेपी के साथ गठबंधन था तब भी हमने बीएमसी और अन्य नगर निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े थे. हम ऐसा करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं. पुणे, पिंपरी-चिंचवड और नासिक नगर निकायों में एमवीए बरकरार रहेगा."


हम गठबंधन के तहत लड़ेंगे चुनाव- शिंदे गुट
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले सप्ताह कहा था कि शिवसेना अगले साल होने वाले बीएमसी चुनाव सत्तारूढ़ महायुति के तहत लड़ेगी. शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा था कि बीएमसी चुनाव सभी 227 नगर निगम वार्ड में महायुति (गठबंधन) के रूप में लड़ा जाएगा. बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं.


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