Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे का बड़ा दावा- 'मैं कभी सीएम नहीं बनना चाहता था लेकिन...'
Maharashtra Politics: शिवसेना UBT प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही शिवसेना विभाजित हो गई है और उसका चुनाव चिन्ह छीन लिया गया हो लेकिन उनकी पार्टी में अच्छे उम्मीदवार हैं जिनके जीतने की संभावना है.
Uddhav Thackeray News: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के गुहागर में एक रैली को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की महायुति सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख ने कहा कि वह कभी भी मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे, लेकिन असाधारण परिस्थितियों को स्वीकार करते हुए वह सीएम की कुर्सी पर बैठे.
वहीं, बिना किसी का नाम लिए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'अगर मैं मुख्यमंत्री बना भी तो मैं महाराष्ट्र के कल्याण के लिए काम कर रहा था. मैंने आपको मंत्री पद दिया और आपको विधानमंडल का सदस्य बनाया लेकिन आपने मुझे इस तरह से धोखा दिया.'
'भले ही हमारा धनुष और तीर छीन लिया गया हो...'
यूबीटी प्रमुख ने कहा कि भले ही शिवसेना विभाजित हो गई है और उसका चुनाव चिन्ह (धनुष और तीर) छीन लिया गया है, लेकिन फिर भी हर निर्वाचन क्षेत्र से उनके प्रति वफादार शिवसैनिक उन्हें बता रहे हैं कि उनकी पार्टी में अच्छे उम्मीदवार हैं और उनके जीतने की संभावना भी है.
'संविधान बदलना चाहती है बीजेपी'
वहीं, बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि देश में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा तानाशाही शासन की ओर एक कदम है. उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी 400 से ज्यादा सीट जीतने के लक्ष्य के साथ इसलिए प्रचार कर रही है क्योंकि वह 'संविधान बदलना चाहती' है. बीजेपी लोकसभा की 543 सीट में से 400 से अधिक सीट इसलिए जीतना चाहती है क्योंकि जब वह संविधान बदलना चाहे तो विपक्ष के नेता आवाज न उठा सकें.
कुछ समय पहले संसद से 100 से ज्यादा सांसदों को निलंबित किए जाने का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ ताकि किसी चर्चा के बिना कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर दिए जाएं.
अनंतकुमार हेगड़े ने कही थी संविधान संशोधन की बात
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक अनंतकुमार हेगड़े ने पिछले हफ्ते ही यह कहा था कि उनकी पार्टी को संविधान में संशोधन करने और 'कांग्रेस द्वारा इसमें की गई विकृतियों और अनावश्यक परिवर्धन को दुरुस्त करने के लिए' संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है. हेगड़े के इस टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था.
इस विवाग को शांत करने के लिए बीजेपी ने इसे उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा. ठाकरे ने दावा किया कि आज की बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के दौर से बहुत अलग है.
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