महाराष्ट्र सरकार की लाडली बहना योजना पर शिवसेना यूबीटी नेता का तंज- 'जनता ला रही आपकी...'
Maharashtra Vidhansabha Chunav 2024: शिवसेना यूबीटी नेता आनंद दुबे के मुताबिक सरकार को पता चल गया है कि उनकी सरकार सत्ता में नहीं आने वाली है, तो वे लाडली बहना और लाडला भाई योजना लेकर आ रहे हैं.
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2024 में होना है. इसको लेकर महायुति और महाविकास अघाड़ी में शामिल सियासी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर पहुंच गया है. इस बीच प्रदेश में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए महायुति सरकार ने लाडली बहना और लाडला भाई योजना का लेकर आई. इसको लेकर शिवसेना यूबीटी नेता आनंद दुबे ने प्रदेश सरकार पर तंज कसा है.
शिवसेना यूबीटी नेता आनंद दुबे के मुताबिक, "अब जब महायुति सरकार को पता चल गया है कि उनकी सरकार सत्ता में नहीं आने वाली है, तो वे 'लाडली बहना और लाडला भाई योजना' लेकर आ रहे हैं. इस योजना के तहत वे हर महिला को 1500 रुपये देंगे."
VIDEO | Maharashtra Assembly Elections: “Now, when the Mahayuti government knows that their government isn’t coming into power, they are coming up with ‘Ladli Behna and Ladla Bhai Yojana’ where they will provide Rs 1500 to every woman. MLA Ravi Rana is saying that they will take… pic.twitter.com/ZtnVpUQpqR
— Press Trust of India (@PTI_News) August 13, 2024
वोट नहीं मिले तो पैसे ले लेंगे वापस
आनंद दुबे ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि एक तरफ तो महायुति सरकार कहती है कि उसके पास पैसे नहीं हैं. दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में हार के डर से उनसे लाडली बहना और लाडला भाई योजना का ऐलान किया है.
उन्होंने कहा, 'हद तो तब हो गई जब सत्ताधारी पार्टी के विधायक रवि राणा कह रहे हैं कि अगर ये लोग उन्हें वोट नहीं देंगे तो वे पैसे वापस ले लेंगे.'
संजय निरुपम को लेकर कह दी ये बात
शिवसेना यूबीट नेता आनंद दुबे ने एक दिन पहले शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम को लेकर कहा था कि उसने नेतागिरी छोड़कर जासूसी शुरू कर दी है. संजय निरुपम नेता हैं, लेकिन उन्होंने जासूसी का काम शुरू कर दिया है. संजय निरुपम हमारे नेताओं की मीटिंग के बारे में जिस प्रकार से बता रहे हैं, वह कोई जासूस ही बता सकता है. जहां बंद कमरे में कोई था ही नहीं, वे बातें भी संजय निरुपम बता रहे हैं. इतना ही नहीं, संजय निरुपम आरोप लगा रहे हैं कि हम लोग उद्योगपतियों से मिल रहे हैं.