One Nation One Election Bill: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को मंगलवार (17 दिसंबर) को लोकसभा में पेश किया. अब बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाएगा. बिल पेश किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसका विरोध किया.
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (एसपी), शिवसेना यूबीटी, टीएमसी, एनसीपी (एसपी) समेत अन्य दलों ने विरोध किया. उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई ने लोकसभा में कहा कि मैं इसका विरोध करता हूं. ये फेडरलिज्म पर हमला है.
जेपीसी में भेजें बिल- सुप्रिया सुले
वहीं शरद पवार की पार्टी एनसीपी एसपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह फेडरलिज्म के खिलाफ है. यह बिल संविधान और संघवाद के खिलाफ है. हम सरकार से मांग करते हैं या तो इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए या फिर इसे जेपीसी में भेजना चाहिए.
अमित शाह ने क्या कहा?
इसके बाद सदन में मौजूद रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपने कहा जेपीसी में देना चाहिए, प्रधानमंत्री ने खुद कहा कि इसको जेपीसी को देना चाहिए. फिर कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि वो जेपीसी का प्रस्ताव करेंगे. उन्होंने कहा, ''एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है.''
एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने किया समर्थन
एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का समर्थन किया. शिंदे के बेटे और लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, ''मैं पूरी तरह से इस बिल का समर्थन करता हूं. विपक्ष वाले छह महीने से हर मुद्दे को असंवैधानिक बता रहे हैं. रिफॉर्म शब्द जैसे ही आता है, लगता है कांग्रेस को रिफॉर्म शब्द से ही एलर्जी है.''
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