Sanjay Raut Statement: 'हमारे 6 जवान शहीद लेकिन PM और गृहमंत्री चुनाव प्रचार में लगे', संजय राउत ने BJP पर साधा निशाना
Jammu and Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. इस मामले पर उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा है.
Sanjay Raut on Jammu and Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पांच जवानों को सेना और पुलिस ने शुक्रवार को सुबह श्रद्धांजलि अर्पित की. दरमसाल के बाजीमल इलाके में बुधवार और गुरूवार को सुरक्षा बलों के साथ 36 घंटे तक चली मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी मारे गये. इस दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैनिक भी शहीद हो गये. इस मामले को लेकर उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है.
क्या बोले सांसद संजय राउत?
शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "4 दिन में 2 कैप्टन और उनके साथ और 4 जवान शहीद हो गए, लेकिन मैंने नहीं सुना कि 5 राज्यों में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संवेदना जाहिर की. आपकी क्या भूमिका थी? आप चुनाव में कांग्रेस मुक्त भारत और महाराष्ट्र में शिवसेना मुक्त महाराष्ट्र बनाना चाहते हैं लेकिन कश्मीर में आतंकवाद मुक्त कश्मीर आप कब बनाओगे?"
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
सेना ने आर्मी जनरल अस्पताल, राजौरी में पुष्पांजलि समारोह का आयोजित किया, जिसमें ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग रोमियो फोर्स’ तथा अन्य अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. आतंकियों से मुकाबला करते हुए अपनी जान न्योछावर करने वाले कर्नाटक के मंगलोर के निवासी कैप्टन एम वी प्रांजल (63 राष्ट्रीय राइफल्स), उत्तर प्रदेश के आगरा के निवासी कैप्टन शुभम गुप्ता (9 पैरा), जम्मू-कश्मीर के पुंछ के निवासी हवलदार अब्दुल माजिद, उत्तराखंड के नैनीताल रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर हैं.
कैप्टन प्रांजल के परिवार में उनकी पत्नी अदिति हैं, जबकि कैप्टन गुप्ता के परिवार में उनके पिता बसंत कुमार गुप्ता हैं. हवलदार माजिद के परिवार में उनकी पत्नी सगेरा बी. और तीन बच्चे, लांस नायक बिष्ट के परिवार में मां मंजू देवी और पैराट्रूपर लौर के परिवार में उनकी मां भगवती देवी ही हैं. सेना के शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान भेजा जा रहा है.