INDIA Alliance News: शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'देश के सामने संकट है उसके सामने मैं मानता हूं कि इंडिया गठबंधन को और मजबूत होना चाहिए. जैसे उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन बना, मैं इसको नहीं मनाता हूं. इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव अच्छा किया है और बीजेपी को बहुमत में आने से रोका.'
संजय राउत ने आगे कहा, "लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक नहीं हुई, ये कांग्रेस की गलती है. इंडिया गठबंधन को बचाना है तो बातचीत होती रहनी चाहिए. उद्धव ठाकरे और शरद पवार बीजेपी की रोजी-रोटी है. अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ समारोह में नहीं बुलाया है. ईवीएम के माध्यम से देश के लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं. विपक्ष को खत्म करना चाहते हैं ये नहीं होगा."
'सामना' में क्या लिखा गया है?
बता दें कि शिवसेना-यूबीटी की ओर से अपने मुखपत्र 'सामना' में कांग्रेस को नसीहत दी है. 'सामना' में लिखा गया है, "लोगों में यदि यह भावना पैदा होने लगी कि देश में इंडिया गठबंधन और राज्य में महा विकास अघाड़ी एक झमेला ही बनकर रह गए हैं, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? जब ये दोनों गठबंधन बने और दोनों ने काम करना शुरू किया तो गठबंधन के हर घटक दल और आम जनता में उत्साह पैदा हो गया. भारतीयों के मन में आत्मविश्वास का संचार हो गया था कि देश पर थोपे गए मनमाने शासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए एक ताकत का निर्माण हुआ है.
'सामना' आगे लिखा गया, "देश में मोदी को और महाराष्ट्र में अवैध सरकार को हराया जा सकता है, यह एहसास बिजली की तरह चमकने लगा था, लेकिन क्या अब ये दोनों मोर्चे निष्क्रिय होते जा रहे हैं? ये देश के लिए अच्छा नहीं है. नेशनल कॉन्फ्रेंस इंडिया गठबंधन का सदस्य है. इस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला ने इसी मसले पर बम फोड़ा है कि इंडिया गठबंधन का जन्म ही लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है. अब जब जरूरत खत्म हो गई है तो इंडिया गठबंधन को खत्म कर देना चाहिए. इस मोर्चे के पास न तो कोई विशेष कार्यक्रम है और न ही नेतृत्व.
शिवसेना की ओर से कहा गया है कि अब्दुल्ला के बयानों को नकारा नहीं जा सकता. इंडिया गठबंधन के नेतृत्व और यदि संभव हो तो एक संयोजक की आवश्यकता है. वरना सब कुछ बर्बाद हो जाएगा. ऐसा होने दिया जाए या नहीं यह कांग्रेस को सोचना चाहिए. इसलिए संवाद बनाए रखें. यही हाथ जोड़कर विनम्र प्रार्थना है.