Sanjay Raut on Congress Role in INDI Alliance: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राऊत ने मुखपत्र सामना में I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल कांग्रेस को लेकर कई बड़ी बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल तानाशाही प्रवृति से खिलाफ तो लड़ना चाहते हैं लेकिन त्याग करने के लिए कोई तैयार नहीं है. स्वतंत्रता की लड़ाई में सर्वाधिक त्याग करने वाली कांग्रेस अब खुद के अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है. इसके बावजूद कांग्रेस को कोई सूबेदारी में रखने को तैयार नहीं है. इसलिए अब तानाशाही के खिलाफ लड़ाई में त्याग करने की जिम्मेदारी कांग्रेस पर आ गई है. 


इंडिया गठबंधन को लेकर संजय राऊत ने कही ये बात
वहीं इंडिया गठबंधन में बड़े चेहरे की कमी को लेकर लिखते संजय राऊत कहते हैं कि गठबंधन की बैठक में शामिल पार्टियों के नेता कहते तो हैं कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. लेकिन असल में प्रत्यक्ष रूप से वो एक दूसरे का विरोध करते हैं. लोकतंत्र के दमन को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया है लेकिन इसकी चौथी बैठक के बाद भी इसकी डोरी किसके पास है ये तय नहीं है. 


सांसदों के निलंबन पर भी संजय राऊत ने दी प्रतिक्रिया
वहीं सांसदों के निलंबन को लेकर संजय राऊत ने लिखा कि लोकतंत्र का सामुहिक नरसंहार हो रहा है. उपराष्ट्रपति की मिमिक्री के लिए बीजेपी के नेता विरोध कर रहे है लेकिन मंहगाई, बेरोजगारी को लेकर संसद में कुछ बोलने नहीं दिया जा रहा. 


संजय राऊत ने पीएम मोदी पर साधा निशाना 
संजय राऊत ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि उनके भक्त ये मानते हैं कि भारत का जन्म 2014 के बाद हुआ. इस हिसाब से भारत अभी मुश्किल से 10 साल का भी मश्किल से हुआ है. अब इस नए भारत के बारे में क्या कहा जाए. दिल्ली में कड़ाके की सर्दी के बीच 2 महत्वपूर्ण घटनाएं घटी. पहली इंडिया गठबंधन की बैठक और दूसरी इंडिया गठबंधन के सांसदों का संसद में निलंबन.


वहीं संजय राऊत ने आगे लिखा कि नरेंद्र मोदी 10 साल पहले संसद की सीढ़ियों पर सिर रखकर रोए थे उनका संसद की सीढ़ियों पर सिर रख रोना और माथा टेकना असली नहीं था ये अब सिद्ध हो गया है. अब लोकतंत्र रोता हुआ दिख रहा है.


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