Maharashtra News: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सीएम आवास पर बीजेपी द्वारा दिए जा रहे बयानों को लेकर शिवसेना-यूबीटी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा है. 'सामना' के संपादकीय में लिखा गया है कि दिल्ली चुनाव बीजेपी और आप के लिए जिंदगी और मौत का खेल बन गया है. कांग्रेस पार्टी भी इस खेल में अपना हुनर दिखाने की कोशिश कर रही है. अरविंद केजरीवाल एक साथ बीजेपी और कांग्रेस के निशाने पर हैं. 


'सामना' के मुताबिक, लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आप ने मिलकर लड़ा और अब विधानसभा में फ्रीस्टाइल कुश्ती लड़ रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मोदी केजरीवाल पर भ्रष्टाचार और लूटपाट का आरोप लगाए ये आश्चर्य की बात है. मुख्यमंत्री के तौर पर केजरीवाल ने कुछ नहीं किया. वे दिल्ली के लोगों को सुविधाएं देने में विफल रहे, लेकिन सरकारी खजाना खाली करके उन्होंने अपने लिए 45 करोड़ की लागत का 'शीशमहल' बनाया है.


'बीजेपी अपने मंत्रियों का घर नहीं देखती'
मुखपत्र में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह हर चुनावी सभा में इस 'शीशमहल' के खर्च का लेखा-जोखा पेश कर रहे हैं. केजरीवाल का सरकारी बंगला और फिजूलखर्ची दिल्ली विधानसभा में प्रचार का मुख्य मुद्दा बन गया है. केजरीवाल का अपने सरकारी बंगले पर खर्च करना टीका-टिप्पणी का विषय हो सकता है, लेकिन दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों के घरों तक पिछले 10 वर्षों में किस तरह और कितनी फिजूलखर्ची की गई है? 


'सामना' में आगे लिखा है, मंत्रियों ने अपने घरों को किस तरह राजशाही, मुगल शैली में सजाया है और उस पर सरकारी पैसा खर्च किया गया है, इस पर भी बोलना चाहिए. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले को मनमाफिक सजाया है. महाराष्ट्र का पूरा मामला ही अलग है, ऐसा कहा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री शिंदे ने एक मुख्य बंगले सहित कुल तीन सरकारी बंगले अपने पास रखे थे और अब मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी उपमुखंयमंत्री बने शिंदे ने दो बंगले अपने पास रखे हैं. 


'फडणवीस के पास थे दो बंगले'
उसके मुताबिक, वहीं देवेंद्र फडणवीस जब उपमुख्यमंत्री  थे तब सागर बंगले के साथ एक और बड़ा सरकारी बंगला उन्होंने रख लिया था. पूर्व के सभी मुख्यमंत्री एक ही बंगले में रहते थे. मौजूदा मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों को दो-तीन बंगलों की जरूरत पड़ती है. ये फिजूलखर्ची उस 'शीश महल' मामले से भी बड़ी है. केजरीवाल के विरोधियों ने यह भी प्रकाशित किया कि उनके बंगले में सोने का कमोड है. यह इस बात का उदाहरण है कि राजनीतिक प्रचार-प्रसार का स्तर कितना नीचे गिर गया है.


'सामना' के अनुसार, केजरीवाल 50 हजार वर्ग फीट के बंगले में रहते हैं, ऐसा अमित शाह कहते हैं और दावा करते हैं कि यह फिजूलखर्ची है. इस पर क्या कहें? इंदिरा गांधी सफदरजंग रोड नंबर 7 में रहती थीं और प्रधानमंत्री के रूप में उनका आधिकारिक निवास सरल और कॉम्पैक्ट था. जिस '7 लोक कल्याण मार्ग' पर प्रधानमंत्री मोदी रहते हैं वह सात-आठ सरकारी बंगलों को मिलाकर बनाया गया है. इस विशाल और हजारों वर्ग फीट जगह में मोदी अकेले यानी 'सिंगल' रहते हैं.


'पीएम 10-15 लाख का सूट पहनते हैं'
'सामना' में कहा गया, अब मोदी ने दिल्ली पर जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट लादा है, उसमें प्रधानमंत्री मोदी के लिए स्वतंत्र महल बनाने का काम चल रहा है और इस पर जनता के खजाने से करीब 400 करोड़ रुपये की फिजूलखर्ची होगी. पीएम मोदी ने विश्व भ्रमण के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का विमान खरीदा. उनके पहले के प्रधानमंत्री एयर इंडिया की नियमित विमानों से यात्रा करते थे, लेकिन पीएम मोदी की शान ही अलग है. पीएम मोदी 10-15 लाख के सूट और उस सूट पर उतनी ही कीमत का पेन रखते हैं.


शिवसेना यूबीटी ने कहा, एक झोलाछाप फकीर खुद पर अपनी झोली से इतनी फिजूलखर्ची कैसे कर सकता है? ऐसे में उसका बोझ सरकारी खजाने पर पड़ा है. मोदी का नया निवासस्थान यानी महल तैयार हो रहा है. क्या इसकी सचमुच जरूरत थी? पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन नहीं देने वाले प्रधानमंत्री और उनकी सरकार अपना महल बनाने के लिए सरकारी खजाना और जमीन लूट रहे हैं, लेकिन आलोचना केवल केजरीवाल के सरकारी बंगले की कर रहे हैं.


'पीएम मोदी देते हैं मंहगे तोहफे'
'सामना'  के अनुसार, मोदी नाम के फकीर अपने लिए कपड़ों से लेकर चश्मा, पेन, घड़ियां, जूते तक ब्रांडेड इस्तेमाल करते हैं. ये उनके शौक हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी के शौक और फिजूलखर्ची पर कड़ी टिप्पणी की है. श्रीमती श्रीनेत कहती हैं, मोदी ने सचमुच देश के खजाने पर हाथ मारा है. 2023 में मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन को 7.5 कैरेट का हीरा भेंट किया, जिसकी कीमत 20 हजार डॉलर थी. 


'सामना' के मुताबिक, इससे पहले ट्रंप परिवार को भी मोदी ने 50 हजार डॉलर के तोहफे दिए थे. यह पैसा बीजेपी या आरएसएस के खजाने से खर्च नहीं किया गया, बल्कि भारतीय जनता से जबरन वसूले गए टैक्स के साथ-साथ जीएसटी के जरिए मेहनतकश जनता के पसीने की कमाई से ये शौक पूरा हुआ. पिछले 70 साल में इतने महंगे तोहफे देनेवाले मोदी अकेले प्रधानमंत्री हैं.


'सामना' में कहा गया, देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त भोजन देना और विदेश जाकर वहां के प्रमुख नेताओं को महंगी चीजें बतौर उपहार देना ये प्रधानमंत्री मोदी का शौक है. भारत में 2023-24 में 37 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया, शिक्षा छोड़ दी. जिसमें 16 लाख लड़कियां शामिल हैं. गरीबी के चलते उन पर स्कूल छोड़ने की नौबत आ गई और प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली विधानसभा में शीशमहल पर भाषण झाड़ रहे हैं. भारत एक गरीब देश है, लेकिन गरीब देश का राजा विलासी है, लेकिन बोलेगा कौन? बोलेंगे तो कटेंगे!



ये भी पढ़ें- HMPV Virus: एचएमपीवी वायरस को लेकर महाराष्ट्र सरकार अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से की ये अपील