(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election: BJP और शिवसेना में सीटों पर तकरार? फॉर्मूले पर एकनाथ शिंदे गुट हुआ आक्रामक
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर शिवसेना और बीजेपी में पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है. एकनाथ शिंदे गुट के नेता ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं.
NDA Seat Sharing Formula: महाराष्ट्र में NDA में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर एक फॉर्मूला सामने आया है. ABP माझा के अनुसार एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 12 सीटें मिल सकती हैं. इस फॉर्मूला से पार्टी के नेता गजानन कीर्तिकर खुश नहीं हैं. उनका कहना है कि वे इससे सहमत नहीं हैं और उनके गठबंधन सहयोगी बीजेपी जो कहती है, उससे वे बंधे नहीं हैं.
सीट शेयरिंग पर शिंदे गुट असहमत
गठबंधन दलों के बीच सीट शेयरिंग में बीजेपी 32 सीटों पर, शिवसेना 12 सीटों पर और एनसीपी 4 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. लेकिन अब, शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर इसके खिलाफ हो गए हैं और इस फॉर्मूला से वो खुश नहीं हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वे इस फॉर्मूला से सहमत नहीं हैं.
उन्होंने कहा, उन्हें नहीं पता कि यह फॉर्मूला कहां से आया, क्योंकि उन्होंने (बीजेपी ने) उनके साथ इस पर चर्चा नहीं की है. शिवसेना नेता ने 12 सीटों के फॉर्मूला पर असहमति जताई है. शिवसेना ने 2019 में 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उन्हें आश्चर्य है कि वे अब सिर्फ 12 सीटें कैसे स्वीकार कर सकते हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि बीजेपी और शिवसेना को अपनी कुछ सीटें एनसीपी को दे देनी चाहिए, लेकिन गजानन कीर्तिकर का कहना है कि वे बीजेपी की इच्छा से बंधे नहीं हैं और वे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन की योजना 32-12-4 के फॉर्मूला पर चुनाव लड़ना है. इसके तहत बीजेपी को सबसे ज्यादा 32, शिवसेना को 12 और एनसीपी को 4 सीटें मिलेंगी.
बीजेपी नेता कह रहे हैं कि उन्हें वे सीटें मिलनी चाहिए जिन पर उनके पहले से ही सांसद हैं और जहां वे पिछली बार चुनाव लड़े थे. शिवसेना के पास 18 सांसद हैं, जिनमें से 13 शिंदे के साथ हैं. लेकिन बीजेपी इनमें से कुछ सीटों पर भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. ऐसे में ग्रैंड अलायंस में सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ असहमति हो सकती है.
शिवसेना के एकनाथ शिंदे उन सांसदों के लिए सीटें चाहते हैं जो पहले से ही उनके पास हैं और कुछ अनुभवी सदस्य भी हैं. इससे उस पर दबाव पड़ सकता है. इस बीच बीजेपी भी गठबंधन में अपने सहयोगियों के इलाकों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और कुछ बीजेपी नेता कह रहे हैं कि ये सीटें उन्हें मिलनी चाहिए.