महाराष्ट्र में यहां दोबारा बनेगा 14वीं शताब्दी का ये मंदिर, 52 साल पहले इस वजह तोड़ा गया था
Shiva Temple Chhatrapati Sambhajinagar: छत्रपति संभाजीनगर में जायकवाडी बांध के निर्माण के दौरान तोड़े गए शिव मंदिर को दोबारा बनाया जाएगा. इस बात की जानकारी पुरातत्व विभाग ने दी है.
Maharashtra Shiva Temple News: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में 52 साल पहले जायकवाडी बांध के निर्माण के दौरान तोड़े गए 14वीं शताब्दी के शिव मंदिर का पुन:निर्माण कराया जाएगा. महाराष्ट्र पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है.
अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में पहली बार इस तरह किसी धार्मिक स्थल की बहाली का प्रयास किया जा रहा है. जिले (तब औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) की पैठण तहसील के शेवता और सवखेड़ा गांवों में स्थित दो प्राचीन मंदिरों को 1972 में तोड़ दिया गया था क्योंकि बांध का निर्माण पूरा होने के बाद यह क्षेत्र पानी में समा जाता.
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पत्थरों को यहां लाकर संरक्षित कर लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘शेवता में जो मंदिर था उसे यहां सोनेरी महल (एक ऐतिहासिक महल जिसमें अब पुरातत्व विभाग का कार्यालय है) के पास एक पहाड़ी पर स्थापित किया जाएगा. पत्थरों की गिनती पहले ही हो चुकी है और हम उसी आधार पर मंदिर का पुन:निर्माण करेंगे.’’
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने परियोजना के लिए 3.53 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और काम दो-तीन महीने में शुरू हो जाएगा. मूल मंदिर ‘हेमाडपंती’ शैली में बनाए गए थे जो मध्यकालीन युग में महाराष्ट्र में आम थी.
आज से कुछ महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मुगलों और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों के शासन के दौरान नष्ट किए गए मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की सराहना की, और कहा कि मराठा योद्धा राजा के बाद जारी जीर्णोद्धार कार्य को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी का जीवन अत्याचारों के खिलाफ विद्रोह करने के बारे में था और उनके द्वारा शुरू की गई 'स्वराज' की लड़ाई आज भी जारी है.
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